नई दिल्ली। आय घोषणा योजना आईडीएस के तहत कर व जुर्माने की पहली किस्त के भुगतान की अंतिम तारीख पास में आने के बीच बैंकों से कहा गया है कि इस तरह का भुगतान बिना किसी बाधा के स्वीकार किया जाए और जमाकर्ता से धन के स्रोते के बारे में नहीं पूछा जाए। साथ ही बैंकों से कहा गया है कि वे आईडीएस के भुगतान में 500 रुपए का पुराना नोट भी स्वीकार करें।
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन आईबीए ने इस बारे में अपने सभी सदस्यों को पत्र लिखा है। इसमें सीबीडीटी द्वारा आरबीआई को भेजे गए परिपत्र का हवाला दिया गया है। इसके अनुसार एक घोषणाकर्ता ने शिकायत की है कि बेंगलुरू की एक बैंक शाखा ने कर व जुर्माने की राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने कालेधन की घोषणा के लिए आईडीएस की पेशकश थी जिसकी अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो गई। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस योजना के तहत 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपए राशि की घोषणा की। इससे सरकार को कर आदि के रूप में 30000 करोड़ रुपए मिलेंगे।
सीबीडीटी ने जिक्र किया है इस योजना के तहत कर, अधिभार व जुर्माने की कुल राशि में से 25 प्रतिशत राशि का भुगतान चालू महीने के अंत तक किया जाना है।
आईबीए ने बैंकों से कहा है कि वे इस योजना से अवगत रहें और भुगतान स्वीकार करें तथा इस तरह के मामलों में जमाकर्ता से धन के स्रोत के बारे में नहीं पूछें।