नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल द्वारा करीब एक दशक से ठोस भूमि प्रबंधन नीति नहीं बनाने के लिए खिंचाई की है। समिति ने कहा है कि बीएसएनएल के पास मौजूद भूमि का बुक मूल्य ‘कम कर’ दिखाया गया है।
संसद की लोक लेखा समिति पीएसी ने बीएसएनएल द्वारा लंबे समय, मई, 2013 तक भूमि प्रबंधन नीति बना पाने की अक्षमता पर नाखुशी जताई है। कंपनी को दूरसंचार विभाग से वर्ष 2000 में काफी जमीन मिली थी।
संसद में रखी गई पीएसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने पाया कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के पास 406.31 लाख वर्ग मीटर जमीन के 12,194 प्लॉट हैं। दूरसंचार विभाग के अनुसार विभिन्न स्थानों पर स्थित इस जमीन का उसके खातों में मूल्य 3,103 करोड़ रुपए है।
प्रबंधन सूचना प्रणाली एमआईएस के तहत बीएसएनएल की जमीन का कुल बुक मूल्य 3,483.44 करोड़ रुपए है। इसमें 380.41 करोड़ रुपए की वह जमीन भी शामिल है जो बीएसएनएल ने अपनी स्थापना के बाद अधिग्रहीत की है या लीज पर ली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी के आडिट खातों के अनुसार इस जमीन का मूल्य 1,130.81 करोड़ रुपए दिखाया गया है।