लखनऊ। 8 नवंबर को मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रूपए के नोट बंद करने के बाद से देशभर में कैश की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। आम जनता को खुले पैसे मिलना न के बराबर हो गया है। ऐसे में अगर आपको 40 लाख रुपए के सिक्के के मालिक के बारे में पता चले तो कैसा लगेगा। पहले तो विश्वास नहीं होगा, लेकिन ये सच है। लखनऊ के एक व्यापारी 40 लाख रुपए मूल्य के सिक्के लेकर बैंक पहुंचा।
दरअसल, ये व्यापारी अपने इन सिक्कों को लेकर बैंक में जमा कराने पहुंचा। इतने सिक्के देख बैंक के होश उड़ गए और बैंक ने सिक्के जमा करने से मना कर दिया। बैंक में सिक्के जमा न करने पर व्यापारी नाराज हो गया और बैंक मैनेजर से अड़ गया। बैंक और व्यापारी के बीच मामला इतना बढ़ गया कि दोनों इसको लेकर हाई कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट भी इस मामले पर हैरान था।
कोर्ट ने दोनो की बात सुनी
हालांकि, दोनों की शिकायत सुनने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने ये हल निकाला कि बैंक पहली जनवरी के बाद कस्टमर से दोपहर 3 से 4 बजे के बीच इन सिक्कों को प्रतिदिन पांच-पांच हजार रुपए करके जमा करें।
एक, दो, पांच और दस रुपये के हैं सिक्के
गौरतलब है कि लखनऊ में ब्रेड बनाने वाली मिल्क मेड कंपनी के ओनर संदीप आहूजा की ओर से एडवोकेट अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहेब भोसले और जस्टिस राजन राय की खंडपीठ के समक्ष याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता बैंक में 40 लाख रुपए मूल्य के एक, दो, पांच और दस रुपये के सिक्के जमा करना चाहते हैं, लेकिन स्टेट बैंक इंडिया की ऐशबाग मिल एरिया शाखा ब्रांच और इलाहाबाद बैंक की हुसैनगंज शाखा सिक्के लेने से इनकार कर रही है।
बैंक ने जाहिर की असमर्थता
एसबीआई की ओर से एडवोकेट सुदीप सेठ और इलाहाबाद बैंक के विनय शंकर ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि बैंक नोटबंदी के कारण काम के बोझ से दबे हैं। इस कारण इतनी बड़ी संख्या में सिक्कों को गिनने में काफी समय लगेगा। ऐसे में एक जनवरी से पहले यह काम संभव नहीं होगा।
एक जनवरी से जमा होंगे सिक्के
इस पर कोर्ट ने कहा कि आप पहली जनवरी के बाद ही यह पैसा जमा करें। कोट ने बैंक से पहली जनवरी के बाद व्यापारी से दोपहर 3 से 4 बजे के बीच इन सिक्कों को प्रतिदिन 5000 रुपए करके जमा करें। साथ ही इस पूरे मामले से आरबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी अवगत कराएं।