नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कालाधन को सफेद करने वालों को एक बार फिर चेताया है। उन्होंने कहा कि कालाधन को सफेद करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। साथ ही उन्होंने देश की जनता को आगाह किया है कि कम लालच के चक्कर में ऐसे लोगों के झांसे में न आएं। हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में बोलते हुए जेटली ने शुक्रवार को कहा कि काले धन से निपटने के लिए नोटबंदी एक सामान्य फैसला है। उन्होंने यह भी कहा कि काला धन पिछले सात दशकों से देश में एक नियम की तरह बन गया था।
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जेटली ने यहां में कहा, काला धन देश में पिछले सात दशकों से एक नियम की तरह बन गया था। हम इससे निपटना चाहते थे और इसलिए हमने एक सामान्य फैसला लिया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कदम से राजनीतिक अनुदान पारदर्शी होगा। जेटली ने कहा, आज प्रत्येक शख्स का कर के लिए कम से कम तीन बार आकलन किया जाता है। भविष्य में यह प्रयास बहुत सरल होगा और कोशिश की जाएगी कि करदाता का सिर्फ एक बार ही आकलन हो। उन्होंने आगे कहा, हम बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं।
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करदाता और ऐसे लोगों के बीच संघर्ष जारी रहेगा, जो व्यवस्था से इतर चलने की कोशिश करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी का फैसला केंद्र सरकार द्वारा काले धन के खिलाफ लिए गए कई फैसलों में से महज एक कदम है। उन्होंने कहा, हमने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सहयोग की दिशा में कई कदम उठाए हैं, ताकि सही समय पर सूचना की साझेदारी सुनश्चित की जा सके। कर चोरी का ही नतीजा है कि केंद्र व राज्यों में बजट घाटे का होता है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन की रोकथाम के लिए आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोटों को उसी दिन मध्यरात्रि से अमान्य घोषित करने का ऐलान किया था।
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