नई दिल्ली। एक हजार रुपए और पांच सौ रुपए के पुराने नोटों को प्रतिबंधित करने के तरीके पर उठाए जा रहे सवालों के जवाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि इसे इससे बेहतर तरीके से लागू नहीं किया जा सकता था।
जेटली ने यहां एक निजी टेलीविजन चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा यह भारतीय अर्थव्यवस्था के नये ‘सामान्य’ को परिभाषित करेगा। अल्प तथा मध्यम अवधि में इससे बैंकों के पास पूंजी बढ़ी है तथा कम ब्याज दर पर ऋण देने की उनकी क्षमता रातों-रात सुधर गई है। इससे सस्ती पूंजी के अभाव में जूझ रहे इंफ्रास्ट्रक्चर तथा विनिर्माण क्षेत्र को गति मिलेगी और अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में सुधार होगा।
नोटबंदी को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से भी बड़ा आर्थिक सुधार बताते हुए उन्होंने कहा कि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था की 86 प्रतिशत नकदी (मूल्य के आधार पर) को बदलना एक बड़ा काम है। नोटों की पहले से छपाई कर पर्याप्त स्टॉक तैयार करना, रिजर्व बैंक के चार हजार मुद्रा चेस्टों तथा एक लाख 25 हजार से ज्यादा बैंकों समेत कुल पांच से छह लाख वितरण स्थलों तक उन्हें पहुंचाना तथा सभी लोगों तक नकदी की पहुंच सुनिश्चित करना; वह भी कुछ सप्ताह के भीतर। इसमें कुछ असुविधा होनी तय है।