नई दिल्ली। आदर्श वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) कानून के नए मसौदे के तहत फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ई-वाणिज्य कंपनियां अपने मंच से जुड़े आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान करते समय स्रोत पर ही कर-संग्रह टीसीएस करना होगा क्योंकि इसमें ‘एग्रीगेटर’ की परिभाषा को हटा दिया गया है।
कर प्रावधानों में इन बदलावों के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रस्ताव से ई-वाणिज्य कंपनियों पर अनुपालन बोझ बढ़ेगा क्योंकि उन्हें दो प्रतिशत टीसीएस काटना होगा और उसे सरकार के पास जमा करना होगा।
नांगिया एंड कंपनी के निदेशक रजत मोहन के अनुसार इससे ग्राहकों के उपर कर का बोझ नहीं बढ़ेगा क्योंकि टीसीएस के लिए आपूर्तिकर्ताओं को कर छूट मिलेगी।
आदर्श जीएसटी में एक प्रतिशत के टीसीएस की बात कही गई है जिसे ई-वाणिज्य कंपनियां काटेंगी।