नई दिल्ली। नीति आयोग के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि नोटबंदी जैसे साहसिक ढांचागत सुधारों से अर्थव्यवस्था को उंचा उछाल मिलेगा। ऐसे कदमों से डिजिटल भुगतान प्रणाली को अपनाने और रिसाव अथवा दुरपयोग के विभिन्न स्रोतों को बंद करने में मदद मिलेगी।
पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल की 111वीं सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुये नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ''हम 7.5 से 7.6 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर से बढ़ रहे हैं लेकिन भारत में 9 से 10 प्रतिशत की उच्च वृद्धि की अभिलाषा होनी चाहिये।
अमिताभ कांत ने उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिये वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी, दिवाला कानून और नोटबंदी जैसे महत्वपूर्ण सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
देश के नकदीरहित अर्थव्यवस्था की ओर बढऩे के फायदे का उल्लेख करते हुये कांत ने कहा कि इससे भ्रष्टाचार, नकली नोट की समस्या और आतंकी गतिविधियों को वित्तीय सहायता पहुंचाना बंद होगा।
कांत ने कहा, ''जैसी ही आप डिजिटल अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ते हैं, आप सुनिश्चित करते हैं कि कहीं से किसी तरह की खामी नहीं रह जाये। इसका परिणाम यह होगा कि आपकी अर्थव्यवस्था आगे बढ़ सकेगी, बैंकों में धन लबालब होगा, ब्याज दर कम होगी, कर की दर भी नीचे आयेगी और समय के साथ नोटबंदी के प्रभाव स्वरूप अर्थव्यवस्था को उंचा उछाल मिलेगा।
कांत ने अगले तीन दशक में भारत को 9 से 10 प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर बनाये रखने के लिये बहुपक्षीय रणनीति का खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि देश को नीतियों में निरंतरता और विश्वसनीयता बनाये रखनी होगी। भूमि और श्रम क्षेत्र में सुधार लाना होगा और महिलाओं को सशक्त बनाना होगा।
-भाषा