देश में नोटबंदी के फैसले का असर विदेशी मुद्रा भंडार पर भी साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। लगातार तीन सप्ताह बढ़ने के बाद 11 नवंबर को सप्ताह समाप्ति में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.19 अरब डॉलर से घटकर 367.04 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले 4 नवंबर को समाप्त सप्ताह में यह 368.23 अरब डॉलर रहा था। वहीं शीर्ष छह कंपनियों का बाजार पूंजीकरण भी 57,031 करोड़ रुपये घट गया।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 1.16 अरब डॉलर घटकर 342.77 अरब डॉलर रह गयी। हालांकि स्वर्ण मुद्रा भंडार 20.460 अरब डॉलर पर स्थिर रहा। आलोच्य सप्ताह में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 2.15 करोड़ डॉलर और विशेष आहरण अधिकार 1.34 करोड़ डॉलर घटकर क्रमश: 2.35 अरब डॉलर तथा 1.46 अरब डॉलर रह गये।
बीएसई के सेंसेक्स में बीते सप्ताह 2.49 प्रतिशत यानी 668.58 अंक की गिरावट के बीच शेयर बाजार की शीर्ष दस में शामिल छह कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 57,015.31 करोड़ रुपये घट गया। सबसे ज्यादा 18,293.73 करोड़ रुपये का नुकसान आईटीसी ने उठाया और सप्ताहांत पर उसका एमकैप 2,76,102.08 करोड़ रुपये रह गया।
एचडीएफसी बैंक, कोल इंडिया (सीआईएल), रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), एचडीएफसी तथा इंफोसिस का बाजार पूंजीकरण भी घटा है।
वहीं, टीसीएस, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), ओएनजीसी व हिन्दुस्तान यूनीलिवर (एचयूएल) का कुल बाजार पूंजीकरण 8,046.83 करोड़ रुपये बढ़ा है। एचडीएफसी बैंक के एमकैप में 16,340.82 करोड़ रुपये तथा सीआईएल में 14,207.98 करोड़ रुपये की साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गयी और ये क्रमश: 3,08,869.59 करोड़ रुपये तथा 1,90,505.39 करोड़ रुपये पर आ गये।