नई दिल्ली। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में बीते चार साल में सरकार की सक्रिय नीति के चलते मोबाइल पर बतियाना बहुत सस्ता हो गया है तथा फोन काल के बार बार कटने (काल ड्राप) की समस्या भी कम हुई है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र की इस ' सफल गाथा ’ को जारी रखने के लिए केंद्र सरकार और कड़े फैसले करने से नहीं हिचकेगी।
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इसके साथ ही सिन्हा ने इस क्षेत्र में नौकरियां समाप्त होने संबंधी चिताओं को खारिज करते हुए कहा कि दूरसंचार में नये अवसरों से नये रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में विलय व अधिग्रहण को वैश्विक घटनाक्रम करार दिया। इसके साथ ही मंत्री ने सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल व एमटीएनएल का खुलकर बचाव किया। उन्होंने कहा कि ये दोनों कंपनियां अपनी सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं भले ही उनके पास इस कड़ी प्रतिस्पर्धा वाले बाजार में 4 जी स्पेक्ट्रम नहीं है।
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दूरसंचार क्षेत्र की वित्तीय दिक्कतों के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा ,' दूरसंचार क्षेत्र एक सफल गाथा रहा है और हम सुनिश्चित करेंगे कि (सफलता का) यह क्रम बना रहे। चाहे ब्याज दरें हो या विलंबित स्पेक्ट्रम भुगतान हमने कदम उठाए हैं। भविष्य में भी जरूरत पड़ने पर इस तरह के कदम उठाए जाएंगे। अपनी सरकार की चार साल की उपलब्धियों का ब्यौरा देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कंपनियों के विलय के संदर्भ में सिन्हा ने कहा कि दुनिया भर के सबसे विकसित दूरसंचार बाजारों में केवल 3-5 कंपनियां ही काम कर रही हैं और भारत इसका अपवाद नहीं है।
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उन्होंने कहा ,' सुदृढ़ीकरण ( विलय व अधिग्रहण) एक वैश्विक परिघटना है और भारत भी इसी का हिस्सा है। ’ सिन्हा की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जबकि देश का दूरसंचार क्षेत्र वित्तीय बोझ से दबा है। इस उद्योग पर अनुमानत : 7.6 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बोझ है।