नई दिल्ली। सरकार गेहूं की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए 24 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में नीलामी के जरिए खुले बाजार में बेचे जाने वाले गेहूं की मात्रा को दोगुना कर 14,000 टन किया है।
केन्द्र सरकार ने आटा मिलों और अन्य थोक उपयोगकर्ताओं के लिए खुली बाजार बिक्री योजना ओएमएसएस के तहत हाल में 10 लाख टन गेहूं को उतारा था।
एक सरकारी बयान में कहा गया है, दिल्ली में गेहूं आटा के थोक और खुदरा मूल्य में वृद्धि दिखाई दी। हालांकि दिल्ली में गेहूं की कीमतें कम होनी शुर हुई हैं। 21 नवंबर 2016 को गेहूं का थोकबिक्री मूल्य 22.75 रुपए किलो और खुदरा मूल्य 24 रुपए किलो है।
नवंबर के पहले सप्ताह में भारतीय खाद्य निगम एफसीआई ने खुली बाजार बिक्री योजना ओएमएसएस के जरिए दिल्ली और इसके पड़ोसी क्षेत्रों में 29,000 टन गेहूं प्रदान किए।
एफसीआई अब गेहूं की पेशकश को बढ़ाकर 24 नवंबर को 45,500 टन करने जा रहा है।
बयान में कहा गया है, दिल्ली के लिए एफसीआई ओएमएसएस के तहत पेशकश किए जाने वाले गेहूं की मात्रा 7,000 टन को बढ़ाकर 24 नवंबर को 14,000 टन करने जा रहा है।
सरकार को आयात शुल्क पहले के 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किए जाने के बाद बंदरगाहों से आयातित गेहूं का प्रवाह बढऩे की उम्मीद है जो बाजार और निजी क्षेत्र की जररतों को पूरा करने के लिहाज से पर्याप्त होगा।
कृषि मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2015-16 जुलाई से जून में गेहूं उत्पादन बढक़र 9.35 करोड़ टन होने की उम्मीद है जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में आठ करोड़ 65.3 लाख टन ही था।