नई दिल्ली। भारत ने वर्ष 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन सघनता में 33 से 35 फीसदी तक कमी करने की वचनबद्धता दी है लेकिन इस दिशा में आगे बढऩे के लिए वर्ष 2014..15 की कीमतों पर ढाई ट्रिलियन अमेरिकी डालर खर्च करने होंगे।
पर्यावरण , वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अनिल माधव दवे ने बताया कि भारत ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन को प्रस्तुत अपने राष्ट्रीय अभिप्रेत योगदान के अनुसार वर्ष 2030 तक वर्ष 2005 के स्तर से अपने जीडीपी की ग्रीन हाउस गैस की उत्सर्जन सघनता में 33 से 35 फीसदी तक की कमी करने की प्रतिबद्धता जताई है।
उन्होंने बताया कि एक प्रारंभिक अनुमान के अनुसार अब से 2030 तक भारत के जलवायु परिवर्तन की कार्रवाई के लिए कम से कम ढाई ट्रिलियन अमेरिकी डालर वर्ष 2014..15 की कीमतों पर की जरूरत होगी।