बेंगलुरू। देश का मोबाइल वॉलेट बाजार सालाना 141 प्रतिशत की दर से बढक़र 2021-22 तक 30,000 करोड़ रूपए पर पहुंच जाएगा। एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है।
एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया तथा शोध कंपनी आरएनसीओएस के अध्ययन के अनुसार 2015-16 से 2021-22 के दौरान यह क्षेत्र मुख्य रूप से स्मार्टफोन के बढ़ते इस्तेमाल, मोबाइल इंटरनेट पहुंच बढऩे, ई-कामर्स क्षेत्र की वृद्धि तथा खर्च योग्य आय बढऩे की वजह से आगे बढ़ेगा। देश का एम-वॉलेट बाजार 2015-16 में 154 करोड़ रूपए था।
‘भारतीय एम वॉलेट बाजार पूर्वानुमान 2022’ में यह भी अनुमान लगाया गया है कि देश में एम-वॉलेट लेनदेन 2015-16 से 2021-22 तक सालाना 154 प्रतिशत की दर से बढक़र 20,600 करोड़ रपये से 55 लाख करोड़ रूपए पर पहुंच जाएगा।
इसमें कहा गया है कि एम-वॉलेट लेनदेन कागजरहित भुगतान का सबसे तेजी से बढ़ता तरीका है। ऐसा अनुमान है कि अगले दस साल में ज्यादातर लेनदेन कागजरहित हो जाएगा।