जयपुर। 500 और 1000 के पुराने नोट बंद होने के कारण राजस्थान की जयपुर समेत प्रदेशभर में प्रॉपटी की कीमतों में औसतन 30 फीसदी तक गिरावट आई है। इस गिरावट के चलते छोटे-बड़े सभी बिल्डर-डवलपर परेशान हैं। नेशनल रियल एस्टेट डवपलमेंट काउंसिल (नरेडको) ने भी माना है कि गिरावट आ रही है।
भू-कारोबारियों में खलबली मची
नरेडको प्रतिनिधियों का मानना है कि इस सेक्टर में अब आसानी से कालेधन का निवेश नहीं हो सकेगा। इससे उन निवेशकों व भू-कारोबारियों में खलबली मची है, जिनके व्यापार का बड़ा हिस्सा इसी रोकड़ से चलता रहा है। हालांकि बिल्डरों की संस्था के्रडाई का मानना है कि बैंकों में बहुत पैसा जमा हो गया है। इससे ब्याज दरों में जल्द कटौती होगी, जिसके बाद प्रॉपर्टी कारोबार पहले के मुकाबले ज्यादा तेजी से ऊपर चढ़ेगा। बताया गया कि अभी रियल एस्टेट सेक्टर में करीब 12 हजार करोड़ के छोटे-बड़े प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं लेकिन नोटबंदी से ज्यादातर प्रभावित हो रहे हैं।
GDP का 11 प्रतिशत हिस्सा रियल एस्टेट से
देश की जीडीपी में रियल एस्टेट सेक्टर का हिस्सा 11 प्रतिशत है। यह आंकड़ा केवल रियल्टी सेक्टर में होने वाली उन डील के आधार पर है, जो स्टाम्प ड्यूटी के रास्ते आती हंै। अनुमान के मुताबिक प्रॉपर्टी की डील में बड़ा लेन-देन टैक्स बचाने के लिए नकदी में किया जाता रहा है।
देश में कालेधन के एक तिहाई लेन-देन प्रॉपर्टी बाजार में ही होते हैं। इसके बाद मैन्यूफेक्चरिंग और सोने की खरीद में होता आया है।
बैंकों के पास अगले वर्ष मार्च तक करीब 5 लाख करोड़ रुपए जमा होने की उम्मीद है । इससे बाजार में रोनक आएगी और रिजर्व बैंक को रेपो रेट घटाने पड़ेंगे। इससे ब्याज दर में कमी आएगी। मुद्रास्फीति कम होने से महंगाई घटेगी और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
सस्ते आवासीय ऋण मिलने से आवासीय क्षेत्र व्यवसाय का ग्राफ और रियल एस्टेट उद्योग तेजी से बढ़ेगा। निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। साथ ही सरकारी आधारभूत योजनाएं स्मार्ट सिटी, स्वच्छ भारत मिशन व अन्य प्रोजेक्ट को गति मिलेगी।