रुद्रपुर। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने देश भर की सहकारी बैंकों में एक हजार व पांच सौ रुपए के पुराने नोटों के बदलने पर पाबंदी लगा दी है। अब जिला सहकारी बैंकों में अगले आदेश पर पुराने नोट जमा नहीं हो सकेंगे।
ऐसा माना जा रहा है कि राजनीतिक दलों के प्रभाव में चल रहे इन बैंकों में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए आरबीआई ने यह कदम उठाया है। जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक सी. के. कमल ने इस आदेश की पुष्टि की है।
हालांकि शुरू में जिला सहकारी बैंकों में एक हजार एवं पांच सौ के पुराने नोट जमा हो रहे थे। केंद्र सरकार एवं आरबीआई तक लगातार यह जानकारी मिल रही थी कि जिला सहकारी बैंकों में नेताओं का काला धन बदला जा रहा है। चूंकि जिला सहकारी बैंकों राज्य सरकारों के सहकारिता मंत्रालय के अधीन चलती हैं इसलिए आम लोगों को कोई धनराशि नहीं मिल पा रही थी। नेताओं का काला धन ही बदले जाने की खबरें मिल रहीं थीं। जिला सहकारी बैंकों की कार्यक्षमता को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे।
आरबीआई ने आज जिला सहकारी बैंकों को यह निर्देश जारी किया कि उनमें न तो हजार व पांच सौ रुपये के पुराने नोट बदले जाएंगे और न ही पुराने नोट जमा हो पाएंगे। जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक ने इस आदेश की पुष्टि की है।