नई दिल्ली। नोटबंदी का असर अब धीरे-धीरे जनता की जेब पर भी पड़ता दिख रहा है। दिल्ली में गेहूं की कीमतें बढऩे से आटे का भाव बढ़ गए है। खाद्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ो के अनुसार नोटबंदी के ऐलान के दिन 8 नवंबर को दिल्ली के थोक बाजार में गेहूं 2130 रुपये क्विंटल बिक रहा था, जो 20 नवंबर को बढक़र 2400 रुपये क्विंटल हो गया यानी 12 दिनों में 270 रुपये क्विंटल महंगा।
जाहिर है जब गेहूं महंगा हुआ तो आटा मिलों ने आटा की कीमतें बढ़ा दीं। 8 नवंबर को दिल्ली के थोक बाजार में आटा 2300 रुपये क्विंटल बिक रहा था, जो 20 नवंबर को बढक़र 2700 रुपये क्विंटल हो गया। मतलब कि आटा 12 दिनों में 400 रुपये क्विंटल महंगा हो गया।
जब थोक बाजार में कीमतें बढ़ी तो उसका असर खुदरा व्यापार पर पड़ रहा है। जमरुदपुर में किराना दुकान मालिक विजय कहते हैं, 'पिछले 15 दिनों में आटा की कीमत 22 रुपये प्रति किलो से बढक़र 28 रुपये प्रति किलो हो गई है। विजय कहते हैं कि उनके पास कैश कम है, इसलिए हर रोज मंडी जाना पड़ता है।
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