एसबीआई का मुनाफा दोगुने से भी बढ़कर 2,815 करोड़ रुपये

Samachar Jagat | Saturday, 20 May 2017 12:14:29 AM
SBI's profit increased more than doubled to Rs 2,815 crore

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का शुद्ध लाभ 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में दोगुने से भी ज्यादा बढक़र 2,814.82 करोड़ रूपये हो गया। इससे पिछले वित्त वर्ष 2015-16 की जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक का एकल शुद्ध लाभ 1,263.81 करोड़ रूपये रहा था।

चौथी तिमाही में बैंक का परिचालन लाभ 12.93 प्रतिशत बढक़र 16,026 करोड़ रूपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 14,192 करोड़ रूपये था। स्टेट बैंक की चेयरमैन अरूंधति भट्टाचार्य ने कहा कि यह स्टेट बैंक का एकल तौर पर जारी किया जाने वाला आखिरी वित्तीय परिणाम है क्योंकि अब सभी सहयोगी बैंक और भारतीय महिला बैंक का विलय किया जा चुका है। गौरतलब है कि यह विलय पहली अप्रैल से प्रभावी है।

तिमाही परिणामों पर अरूंधति ने कहा कि यह एक मुश्किल भरी लेकिन संतोषजनक तिमाही रही। इसके अलावा सबसे बड़ा घटनाक्रम विलय का होना है। अरूंधति ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘यह विश्व इतिहास में पहली बार है जब सात पक्षों का एक साथ विलय किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि एकल आधार पर स्टेट बैंक ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और विलय में हुई सारी परेशानियों को अपने में समाहित करने का निर्णय किया जिसका परिणाम इस तिमाही का बहुत थकाउ होना रहा।

इस दौरान बैंक का कुल जमा 20,44,751 करोड़ रूपये रहा जबकि उसका रिण आधार 16,27,273 करोड़ रूपये रहा। उल्लेखनीय है कि आलोच्य तिमाही में उसकी शुद्ध गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) उसके कुल रिण का 3.7 प्रतिशत ही रह गईं। वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक का एकल शुद्ध लाभ 5.36 प्रतिशत बढक़र 10,484 करोड़ रूपये रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 9,951 करोड़ रूपये था। हालांकि, समाप्त वित्त वर्ष 2016-17 में बैंक का एकीकृत शुद्ध लाभ 98 प्रतिशत गिरकर 241.23 करोड़ रूपये रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में बैंक ने 12,224.59 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ हासिल किया था।

स्टेट बैंक समूह का वित्त वर्ष 2016-17 में सकल एनपीए बढक़र उसके सकल रिण का 9.04 प्रतिशत हो गया जो वित्त वर्ष 2015-16 में 6.40 प्रतिशत था। जबकि आलोच्य अवधि में उसका शुद्ध एनपीए उसके शुद्ध रिण का 5.15 प्रतिशत रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 3.73 प्रतिशत था। इस दौरान एकल आधार पर बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां मामूली बढक़र 6.9 प्रतिशत हो गई जो कि इससे पिछले वर्ष इसी अवधि में 6.5 प्रतिशत थी। चौथी तिमाही में बैंक का शुद्ध एनपीए पिछले वर्ष के 3.81 प्रतिशत से घटकर 3.71 प्रतिशत रह गया। 

स्टेट बैंक के बयान के अनुसार चौथी तिमाही में फंसे कर्ज के लिए उसने 10,993 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 12,139 करोड़ रूपये था। बैंक का सकल एनपीए मार्च 2017 के अंत में बढक़र 1,12,343 करोड़ रूपये हो गया जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 98,173 करोड़ रूपये था। चौथी तिमाही के परिणामों में समूह ने विलय किए गए छह बैंकों के परिणाम को नहीं जोड़ा है क्योंकि इनका विलय एक अप्रैल से प्रभावी हुआ है। -(एजेंसी)



 

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