नोट संकट के बीच छोटे कारोबारियों की परेशानी बढ़ी

Samachar Jagat | Thursday, 17 Nov 2016 04:34:56 AM
Small traders problems rise between notes crisis

नई दिल्ली। नोटों के संकट से अब छोटे कारोबारी मसलन सडक़ किनारे चलने वाले ढाबे आदि की परेशानियां बढ़ रही हैं। वहीं बैंकों में आज लगातार सातवें दिन लंबी लंबी कतारें लगी रहीं और लोग कुछ नकदी हासिल करने के लिए संघर्ष करते दिखे।

सरकार के 500 और 1,000 का नोट बंद करने के कदम से 86 प्रतिशत करेंसी चलन से बाहर हो गई है। सब्जी बेचने वाले से लेकर ढाबे और छोटी किराना दुकानों की परेशानी इससे बढ़ती जा रही है क्योंकि वे नकद में ही लेनदेन करते हैं।

निर्माण और अन्य क्षेत्रों में कार्यरत बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। इसकी वजह है कि सीमेंट, रेत और अन्य सामानों की आपूर्ति नहीं आ रही है।

राजमार्गों पर बड़ी संख्या में ट्रक भी खडे हैंं। क्योंकि ट्रक चालकों के पास वैध मुद्रा नहीं है। इससे देश के कई हिस्सों में वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।

नकदी की कमी की वजह से फलों के थोक बाजार के अलावा अनाज मंडी में भी कारोबार काफी कम पर आ गया है। बड़े होटलों तथा मॉल्स पर भी लोगों की आवाजाही कम हुई है।

राज्यसभा में नोटों को बंद करने को लेकर गरमा गरम बहस के बीच सरकार लगातार स्थिति सुधारने का प्रयास कर रही है। नए नोटों की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है साथ ही कई एटीएम को नए नोटों के लिए व्यवस्थित किया जा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं लगता है कि कुल दो लाख एटीएम में से करीब आधे एटीएम भी एक सप्ताह से पहले नए नोटों के अनुकूल हो पाएंगे।

इस बीच, भारतीय स्टेट बैंक और अन्य बैंकोंं ने दिल्ली में आज अमिट स्याही का इस्तेमाल शुरू किया। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार एसबीआई की 11 शाखाओं में अमिट स्याही का इस्तेमाल हो रहा है। लोगों के बार-बार नोट बदलने के लिए लाइन में लगने को लेकर यह कदम उठाया जा रहा है।



 

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