नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु समेत कई राज्यों ने रविवार को 500 और 1,000 रुपए बंद किए जाने और इससे राज्यों के खजाने पर पडऩे वाले प्रभाव के मामले को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के समक्ष उठाया।
जीएसटी व्यवस्था के तहत करदाताओं के अधिकार क्षेत्र को लेकर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए अनौपचारिक बैठक से पहले पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि नोटबंदी से मंदी आएगी क्योंकि औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित होंगी और कर संग्रह घटेगा।
तमिलनाडु ने भी इस मामले में शामिल होते हुए कहा कि औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। वहीं उत्तर प्रदेश ने कहा कि कानपुर और मुराबाद में कारखानों का कामकाज ठप हो गया है।
केरल के वित्त मंत्री थामस इसाक ने कहा कि कई राज्यों ने ‘अनौपचारिक’ रूप से राजस्व घटने की सूचना दी है।
इसाक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अगर 86 प्रतिशत मुद्रा बाजार से निकल जाएं तो लोगों के लिए समस्या है। निवेश धारणा पर भी असर पड़ा है।
सूत्रों के अनुसार सभी राज्यों में इस बात को लेकर सहमति थी कि उनके राजस्व प्रभावित होंगे और रोजगार प्रभावित होंगे लेकिन किसी ने इसे वापस लेने की मांग नहीं की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नोटबंदी के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जबकि समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अल्प अवधि के लिए नोटबंदी के फैसले को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि पुराने नोटों पर पाबंदी से पहले लोगों को कम-से-कम एक सप्ताह का समय मिलना चाहिए।