नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ऐप पर किए गए सर्वेक्षण पर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के मद्देनजर इस पर आज एक लेख में कहा गया कि देश के 687 जिलों में से 684 में 10.20 लाख लोग इस सर्वेक्षण में शामिल हुए ।
सर्वेक्षण के आंकड़े देते हुए लेख में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने उनके कदम का समर्थन करने वाले ‘‘व्यापक जनमत’’ और इसके खिलाफ मत देने वालों को व्यक्तिगत तौर पर जवाब देने का फैसला किया जो देश में किसी नीति या राजनीतिक मुद्दे पर इस तरह का पहला कदम है ।
इसमें कहा गया कि प्रत्येक जवाब को पढ़ा गया और इसका विश्लेषण किया गया तथा सुझावों को दो व्यापक श्रेणियों...सुझाव और मुद्दों में रखा गया ।
लेख में कहा गया, ‘‘इन्हें तब केंद्रीय वित्त मंत्रालय और नीति आयोग को भेजा गया जिन्होंने इन्हें क्रमश अपने नीति सुधारों, जवाबों और संचार पहुंच में एक महत्पूर्ण इनपुट के रूप में इस्तेमाल किया ।’’
इसमें कहा गया, ‘‘सर्वेक्षण में 10.20 लाख लोग शामिल हुए । किसी नीति या राजनीतिक मुद्दे पर इतना बड़ा नमूना आकार भारत में एक पहला कदम है ।’’
लेख में कहा गया, ‘‘भारत के 687 जिलों में से 684 जिलों से जवाब प्राप्त हुए । 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में से प्रत्येक का प्रतिनिधित्व हुआ है । यह एक आश्चर्यजनक जवाब है ।’’
इसमें कहा गया कि सर्वेक्षण हर किसी के लिए खुला था और इसमें कोई प्रवेश बाधा नहीं थी ।
गत 22 नवंबर को शुरू किए गए सर्वेक्षण की सत्यता तथा विस्तार पर विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने के मद्देनजर आंकड़े जारी किए गए हैं ।
अगले दिन, कहा गया था कि सर्वेक्षण के 24 घंटे से थोड़ा अधिक समय में ही पांच लाख से अधिक लोग इसमें भाग ले चुके हैं तथा अपना मत व्यक्त कर चुके हैं ।
सर्वेक्षण परिणाम में कहा गया था कि 93 प्रतिशत से अधिक लोगों ने 500 और 1,000 रूपये के पुराने नोट बंद किए जाने के कदम का समर्थन किया है और केवल दो प्रतिशत लोगों ने ही इसे ‘‘अत्यंत खराब’’ या ‘वन स्टार’ करार दिया है ।
इसमें कहा गया था कि सर्वेक्षण में शामिल होने वाले 90 प्रतिशत से अधिक लोगों ने काले धन से निपटने के सरकार के कदम को चार स्टार से उपर रेटिंग दी । इनमें से 73 प्रतिशत ने इसे ‘शानदार’ करार देते हुए पांच स्टार रेटिंग दी थी ।
एजेंसी