साख निर्धारण एजेंसी फिच ने नोटबंदी के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में देश का विकास अनुमान 7.4 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है।
एजेंसी ने कहा कि 500 और 1000 रुपए के बड़े नोटों का प्रचलन बंद किए जाने के मद्देजनर अस्थायी अवरोध की वजह से भारत की विकास दर में कमी आएगी। एजेंसी द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर दिसंबर तिमाही में आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित होगी क्योंकि प्रचलित 86 फीसदी नोटों को हटाने या बदलने से नकदी की कमी हुई है।
इसके मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के 7.4 फीसदी विकास अनुमान को कम कर 6.9 फीसदी किया जा रहा है। इसके साथ ही उसने वर्ष 2017-18 का विकास अनुमान भी 8.0 प्रतिशत से कम कर 7.7 प्रतिशत कर दिया है। हालाँकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सुधार के एजेंडे के चरणबद्ध तरीके से लागू किए जाने से आगामी समय में तेज विकास की उम्मीद की जा सकती है।