नई दिल्ली। पर्याप्त स्टॉक होने के मुकाबले थोक उपभोक्ताओं की कमजोर उठान के कारण दिल्ली के थोक चीनी बाजार में लगातार चौथे सप्ताह कीमतों में गिरावट का रख जारी रहा। बाजार सूत्रों ने कहा कि पर्याप्त स्टॉक होने के मुकाबले थोक उपभोक्ताओं की कमजोर उठान के कारण चीनी कीमतों पर दवाब रहा।
उन्होंने कहा कि काला धन पर रोक लगाने के प्रयास के तहत 500 रपये और 1,000 रूपए के नोट पर प्रतिबंध लगाने के बाद नकदी काफी कम होने से कारोबारी गतिविधियां नगण्य रहीं।
खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि इस बीच ब्राजील के बाद दुनिया में चीनी के सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में चीनी उत्पादन चालू सत्र में 10.27 प्रतिशत घटकर 2.25 करोड़ टन रह जाने का अनुमान लगाया गया है लेकिन पहले का बचा चीनी का स्टॉक मिलाकर बचे चीनी की मात्रा चीनी की घरेलू मांग को पूरा करने के लिहाज से पर्याप्त है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में सूखे के कारण देश का चीनी उत्पादन 2015..16 के सत्र अक्तूबर से सितंबर में घटकर 2.51 करोड़ टन रह गया है।
चीनी तैयार एम.30 और एस.30 की कीमत पिछले सप्ताहांत के बंद स्तर 3,820 .. 4,000 रूपए और 3,810 .. 3,990 रूपए प्रति क्विंटल से घटकर क्रमश 3,800 .. 3,870 रूपए और 3,800 .. 3,860 रूपए प्रति क्विंटल रह गई।
इसी प्रकार चीनी के मिल डिलीवरी एम.30 और एस.30 की कीमत पिछले सप्ताहांत के क्रमश 3,540 .. 3,720 रूपए और 3,530 .. 3,710 रूपए प्रति क्विंटल से घटकर क्रमश 3,550 .. 3,690 और 3,530 .. 3,680 रूपए प्रति क्विंटल रह गई।
शुल्क सहित मिलगेट खंड में चीनी अस्मोली और सिम्भौली की कीमत 30 .. 30 रूपए की गिरावट के साथ क्रमश 3,680 रूपए और 3,690 रूपए प्रति क्विंटल पर बंद हुई।
चीनी खतौली और धामपुर की कीमतें विगत सप्ताहांत के बंद स्तर क्रमश 3,715 रूपए और 3,540 रूपए प्रति क्विंटल से घटकर क्रमश 3,680 रूपए और 3,530 रूपए प्रति क्विंटल रह गई।