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नई दिल्ली। आर्थिक भगोड़ा एवं शराब कारोबारी विजय माल्या ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यकाल के संसद में आखिरी भाषण का जिक्र करते हुए नाटकीय अंदाज में कहा है कि वह ऋण चुकाने के तैयार है लेकिन प्रधानमंत्री बैंकों को उससे पैसे वापस मांगने का निर्देश ही नहीं दे रहे हैं। माल्या (63)ने गुरुवार को ट्वीट किया, मैंने प्रधानमंत्री का संसद में दिए गए आखिरी भाषण को सुना। वह निश्चित रूप से एक बहुत अच्छे वक्ता हैं।
मैंने सुना कि उन्होंने अपने भाषण में नौ हजार करोड़ रुपए लेकर भागे एक अज्ञात व्यक्ति का जिक्र किया। मीडिया में प्रसारित खबरों के अनुसार मैं यह अनुमान लगा सकता हूं कि उनका इशराा मेरी तरफ था। मैं प्रधानमंत्री से आदरपूर्वक पूछना चाहता हूं कि वह बैंको को मेरे द्बारा पेशकश की गयी राशि को लेने का निर्देश क्यों नहीं दे रहे हैं ताकि वह (प्रधानमंत्री) कम से कम किगफिशर को दिये गए ऋण की पूर्ण वसूली का श्रेय लेने का दावा तो कर सकें।
माल्या ने कहा कि''मैंने माननीय कर्नाटक उच्च न्यायालय के सामने ऋण वापसी का प्रस्ताव रखा है, जिसे खारिज कर दिया गया है। यह पूरी तरह से सत्य और ईमानदार प्रस्ताव है। अब यह उनके हाथ में है। बैंक किगफिशर एयरलाइंस को दी अपनी राशि क्यों नहीं लेते हैं? माल्या ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, मुझे यह कहते हुए आश्चर्य हो रहा है कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि मैंने अपनी संपत्ति छुपा ली है!
अगर मैंने संपत्ति छुपाई होती तो मैं अदालत के सामने सार्वजनिक रूप से लगभग 14,000 करोड़ की संपत्ति कैसे रख सकता था? जनमानस को भ्रमित करना शर्मनाक और भयावह है। उल्लेखनीय है कि माल्या देश छोड़ कर लंदन भाग गया है और इस माह वहां की सरकार ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी भी दे दी। ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावीद ने चार फरवरी को माल्या को करारा झटका देते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए। उसे वहां के हाई कोर्ट में अपील करने के लिए 14 दिनों का समय दिया गया है।
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