आप बिना डॉक्टर के प्रमाणपत्र के बीमारी के इलाज के लिए ईपीएफ से निकाल सकते हैं धन

Samachar Jagat | Friday, 28 Apr 2017 06:00:01 AM
You can withdraw EPF for treatment without doctor certificate

नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के चार करोड़ से अधिक सदस्य अपने ईपीएफ खाते से बीमारी के इलाज और विकलांगता से निपटने के लिए उपकरण खरीद को लेकर धन निकाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें स्वास्थ्य प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं होगी।

बीमारी के इलाज और शारीरिक रूप से विकलांग होने की स्थिति में उपकरण खरीदने को लेकर भविष्य निधि खाते से पैसा निकालने को लेकर विभिन्न प्रकार के प्रमाणपत्र जमा करने की जरूरत को समाप्त करने और प्रोफार्मा में बदलाव के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में संशोधन किया गया है।

अब अंशधारक एकीकृत फार्म का उपयोग कर तथा स्व-घोषणा के जरिए विभिन्न आधार पर ईपीएफ खाते से कोष निकाल सकते हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा, ‘‘श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 के उपबंध 68-जे और 68-एन में संशोधन किया है ताकि अंशधारक बीमारी के इलाज और शारीरिक रूप से विकलांग होने की स्थिति में उपकरण खरीदने को लेकर भविष्य निधि से धन निकाल सके। इस धन को रिफंड करने की जरूरत नहीं होगी।’’

अबतक ईपीएफओ अंशधारक ईपीएफ योजना के उपबंध 68-जे का उपयोग कर अपने और अपने उपर आश्रित की बीमारी के इलाज के लिए धन निकाल सकते हैं।
लेकिन इसके लिए नियोक्ता या कर्मचारी से प्रमाणपत्र की जरूरत होती थी कि सदस्य या उस पर आश्रित व्यक्ति कर्मचारी राज्य बीमा योजना तथा उसके लाभ के दायरे में नहीं आता। साथ ही सदस्यों को डाक्टर से प्रमाणपत्र लेकर भी देना होता था।

इसी प्रकार, शारीरिक रूप से अपंग सदस्य उपबंध 68-एन के तहत जरूरी उपकरण खरीदने के लिए पैसा निकाल सकते हैं। लेकिन इसके लिए चिकित्सा प्रमाणपत्र या ईपीएफओ द्वारा अधिकृत अधिकारी से प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता थी।

पर अब संशोधन के बाद किसी भी प्रकार के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी।

अधिकारी ने कहा कि श्रम मंत्रालय 25 अप्रैल 2017 को संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी की है।

पैरा 68-जे और 68-एन के तहत सदस्य के छह महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ता या उसकी हिस्सेदारी और ब्याज या उपकरण की लागत, जो भी कम हो, उतनी राशि मिलती है।



 

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