काहिरा। भारत मिस्र के सबसे पुराने एवं प्रतिष्ठित अल-अजहर विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी का उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा। इस केंद्र की स्थापना दोनों देशों के बीच शिक्षा में सहयोग को बढ़ाने के प्रयास के तहत की जाएगी।
काहिरा में भारत के राजदूत संजय भट्टाचार्य ने कहा है कि इस केंद्र की स्थापना अगले साल की शुरूआत में विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग में की जाएगी। भारत और अल-अजहर विश्वविद्यालय के बीच विभिन्न मुद्दों पर सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा के लिए भट्टाचार्य ने अल-अजहर के ग्रैंड शेख अहमद अल-तैयब से सोमवार को बात की।
] भट्टाचार्य ने कहा कि भारत के प्रमुख कंप्यूटर आईटी संगठनों में से एक ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग’ सी-डैक का एक दल इस साल की शुरूआत में मिस्र आया था और उन्होंने केंद्र की स्थापना पर चर्चा के लिए अल-अजहर विश्वविद्यालय के आईटी विभाग और इंजीनियरिंग विभाग के लोगों के साथ मुलाकात की।
भट्टाचार्य ने कहा कि हम इस केंद्र के अगले साल जल्दी ही शुरू हो जाने की उम्मीद करते हैं। यह अल-अजहर विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग में होगा। भट्टाचार्य ने कहा कि लगभग 150 भारतीय छात्र इस विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं। भट्टाचार्य ने बताया कि इस परियोजना का पूरा खर्च भारत सरकार उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अल-तैयब के साथ नरमपंथी इस्लाम के प्रसार में अल-अजहर की भूमिका पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि हमने दुनियाभर में चरमपंथ और आतंकवाद का बढ़ता प्रभाव देखा है। यह क्षेत्र और भारतीय क्षेत्र इससे बचे हुए नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम दोनों ही दुनिया के किसी भी अन्य हिस्से की तरह इससे पीडि़त रहे हैं और हमारा मानना है कि इस्लाम के ज्यादा नरमपंथी, सहिष्णु पहलू के प्रसार में अल-अजहर विश्वविद्यालय की एक केंद्रीय भूमिका है। इस्लाम के इस पहलू की सराहना इस क्षेत्र में, भारत में और दुनिया के अन्य हिस्सों में की जाती है।