मुंबई। बैंकों को अनुभवी स्टाफ न मिलने की वजह से आंतरिक आॅडिट करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बैंकों की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को जोखिम आधारित निगरानी आरबीएस के काम में मदद के लिए अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को रखने की अनुमति दे दी है।
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केंद्रीय बैंक ने बैंकों में आंतरिक ऑडिट के लिए अनुभवी स्टाफ की कमी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने इस बारे में एक अधिसूचना जारी की है और इस तरह की नियुक्तियों के लिए कुछ शर्तें तय की हैं। इसके अनुसार बैंक अपनी आंतरिक आॅडिट में मदद के लिए अपने पूर्व कर्मचारियों की सेवाएं ले सकते हैं लेकिन उनकी सेवाएं तीन साल तक के लिए ही लेनी होंगी यानि उनके कार्यकाल का समय तीन साल ही होगा।
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