इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला, शादी के बाद लिव-इन रिलेशन में रहना गैर कानूनी

Samachar Jagat | Friday, 02 Dec 2016 01:01:54 PM
Allahabad HC decision No protection for married live in partners

इलाहाबाद। शादीशुदा लोगों का लिव-इन रिलेशनशिप में रहना गैर कानूनी और सामाजिक अपराध है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा कि यह अपराध की श्रेणी में आता है। कोर्ट के मुताबिक ऐसा करके महिला या पुरुष अपने जीवन साथी के साथ धोखा करते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने यह फैसला कुसुम देवी की याचिका खारिज करते हुए दिया। याचिका दायर करने वाली महिला ने कहा कि उसकी शादी 30 मई 2016 को उसकी मर्जी के खिलाफ संजय कुमार के साथ हुई, लेकिन वह पति के साथ नहीं रहती।

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पिछले 5 साल से अपने प्रेमी के साथ लिव-इन-रिलेशन में रह रही है, लेकिन फैमिली वाले उसे परेशान कर रहे हैं, उन्हें रोका जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि पति-पत्नी को ही संबंध बनाने की कानूनी मान्यता है। यदि कोई दूसरा पुरुष किसी की पत्नी के साथ संबंध बनाता है तो यह अपराध है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के एक केस का जिक्र किया गया। इसके अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा शर्मा बनाम वी.के.वी. शर्मा केस में स्पष्ट किया है कि शादीशुदा स्त्री अपने पति से अलग किसी पुरूष से संबंध नहीं बना सकती।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक सिर्फ सिंगल यानी कुंआरे, तलाकशुदा, विधवा या विधुर ही किसी के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रह सकते हैं। चूंकि ऐसा रिलेशन किसी भी समय खत्म हो सकता है। इसलिए ऐसे संबंध को नैतिक नहीं कहा जा सकता। इसी आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादीशुदा स्त्री को लिव-इन-रिलेशन में रहते हुए सुरक्षा पाने का हकदार नहीं माना और याचिका को खारिज कर दिया।

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