सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदेशभर के श्रमिकों का जयपुर में प्रदर्शन

Samachar Jagat | Friday, 18 Nov 2016 08:40:52 PM
BMS protests against labour policies of Raj govt

जयपुर। राज्य सरकार के श्रमिक विरोधी निर्णयों के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ (भामस) के आह्वान पर शुक्रवार को रोडवेज, बिजली, जलदाय, स्कीम वर्कर्स, बैंक, ट्रांसपोर्ट, सीमेंट, वस्त्र उद्योग के श्रमिकों सहित निजी एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों ने रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया और बाद में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।

भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय महामंत्री ब्रजेश उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही श्रम कानूनों श्रमिक विरोधी संशोधन श्रम संगठनों से वार्ता किए बिना ही किए है जो आईएलओ के निर्देशों के विपरीत है तथा प्रदेश में श्रम कानूनों के दायरे से 90 प्रतिशत उद्योगों, प्रतिष्ठानों को बाहर कर दिया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की 70 प्रतिशत जनता मजदूर है जिस के समर्थन से ही वर्तमान सरकार सत्ता में आई है। परन्तु सत्ता में आने के बाद मजदूरों के हितों को ताक में रखकर केवल पूंजीपतियों के हित चिन्तन में लगी है एवं रिसर्जेंट राजस्थान के नाम पर उनके लिए रेड कार्पेट बिछा रही है। प्रदेश की जनता को विश्वास में लिए बिना प्रदेश के सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में देना, उनको बन्द हो जाने पर मजबूर कर जनता के साथ विश्वासघात है।

भारतीय मजदूर संघ राजस्थान प्रदेश के अध्यक्ष विजय सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार के श्रमिकों के प्रति नकारात्मक रवैए से श्रमिक आहत है। सरकार में नौकरशाही हावी है तथा श्रमिकों के वाजिब हकों को देने की बात तो दूर रही, सरकार व उद्यमियों द्वारा ठेका, पीपीपी व फ्रेंचाईजी माध्यम से उनके शोषण का रास्ता साफ कर दिया गया है।

प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष राजबिहारी शर्मा ने कहा कि सरकार का अपनी व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपना निजीकरण नहीं बल्कि जनता के साथ विश्वासघात है।

सभा के बाद भारतीय मजदूर संघ के उपाध्याय के नेतृत्व में भामस के तीन पदाधिकारियों का एक दल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी से मिला और उन्हें मुख्यमंत्री के नाम श्रमिकों की विभिन्न मांगों का एक ज्ञापन सौंपा।



 

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