जैसलमेर। राजस्थान पुलिस ने जैसलमेर में दो एसे शातिर ठगों को अरेस्ट करने में कामयाबी हासिल की है जो आरएएस अधिकारी बनकर कभी सिफारिश करने तो कभी स्थानांतरण तो कभी किसी नौकरी के लिए भर्ती करवाने का झांसा देकर लाखों की ठगी कर पुलिस की आंखो में धूल झोंककर फरार हो जाते थे। पकड़े गए शातिर ठगों से पुलिस को 200 से ज्यादा वारदातों के खुलने की उम्मीद है।
पकड़ गए ठगों के तार राजस्थान, उत्तरप्रदेश और हरियाणा समेत कई राज्यों से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। यही नहीं ठगों द्वारा अलग-अलग जाति, धर्म व नाम बदलकर भी ठगी का कारोबार किया जा रहा था। पुलिस ने आरोपित नरेश कुमार उर्फ नरेन्द्रपालसिंह उर्फ इकबाल तथा परिवहन निरीक्षक भंवरलाल चौधरी पुत्र मंगलाराम निवासी सिलारी जोधपुर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने बताया कि गत 27 नवंबर को सांकड़ा पंचायत समिति की प्रधान अमतुल्लाह मेहर ने उन्हें सूचना दी कि टेलीफोन से उन्हें एक इकबाल नामक व्यक्ति, जो खुद को आरएएस अधिकारी व जयपुर से संबंधित बताकर परिचय दे रहा था, उसने खुद को पीएचईडी मंत्री का निजी सचिव बताते हुए 16 मुस्लिम अभ्यार्थियों के नाम सीधी भर्ती के लिए भेजने की बात कही। शातिर ठगों ने 16 नामों के साथ-साथ अभ्यार्थियों के दस्तावेज तथा प्रति अभ्यार्थी 4200/- के हिसाब से पेमेंट बीकानेर भिजवाने का आग्रह किया।
फोन पर ठगों ने जब उक्त बातचीत को किसी से लीक न करने की बात कही तो प्रधान को इस पर संदेह हुआ और उसने पुलिस को इत्तला दी। सूचना पर फोन करने वाले व्यक्ति की पहचान कर उसे पकड़ने के लिए जाल बुना गया। इसके लिए अलग-अलग टीमों का गठन भी किया गया।
यूं किया ठगों को ट्रेप
कॉलर के बताए अनुसार पुलिस ने वैसा ही गुपचुप गेम उनके साथ खेला। टीमों की ओर से संपर्क करने वाले व्यक्ति का लोकेशन ज्ञात करने के साथ-साथ उसके द्वारा मांगे गए दस्तावेज व रकम को लेकर एक अभ्यर्थी के साथ पुलिस टीम रवाना की गई। फोन करने वाले व्यक्ति ने अपनी गलत पहचान देकर दस्तावेजों की डिलीवरी पुलिस थाना जयनारायण व्यास कॉलोनी बीकानेर करवाई गई तथा रकम के रूम में तैयार किए गए लिफाफे की डिलेवरी जिला परिवहन विभाग फलोदी के उडऩदस्ते वाहन के प्रभारी व निरीक्षक भंवरलाल चौधरी को करवाई गई।
पुलिस टीम की ओर से दस्तावेज प्राप्त करने वाले तथा डमी भुगतान लिफाफे को प्राप्त करने वाले व्यक्ति को तलब कर जांच की गई तो समूचा मामला फर्जी तरीके से बेरोजगार लोगों को भर्ती का झांसा देकर रुपए ऐंठने का पाया गया। पुलिस थाना पोकरण में ठगी का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई। पहचान के बाद टीमों ने मुख्य आरोपित नरेश कुमार उर्फ नरेन्द्रपालसिंह उर्फ इकबाल पुत्र नेमीचंद निवासी बामणु, फलोदी जिला जोधपुर को गंगानगर के सूरतगढ़ से दस्तयाब किया।
पुलिस अधीक्षक यादव के अनुसार आरोपितों ने साथियों के सहयोग से पूर्व में भी राज्य के विभिन्न कि जिलों में इसी प्रकार से वारदाते को अंजाम दिया गया। जिन में से अधिकांश मामलों में पीडि़त व्यक्तियों द्वारा सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होने के डर से आपराधिक प्रकरण ही दर्ज नहीं करवाया गया। आरोपित ने भिन्न-भिन्न नामों एवं पदनामों से ऐसी वारदातों को अंजाम दिया।
ये रहे टीम के सदस्य
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भवानीशंकर के निर्देशन में पोकरण पुलिस उप अधीक्षक नानकसिंह के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई। टीम में पोकरण थानाधिकारी प्रमोद पाण्डे, रामदेवरा उप निरीक्षक अमरसिंह, उप निरीक्षक पदमाराम, कांस्टेबल नारायणसिंह, सवाईसिंह, मोहन पालीवाल, जगदीशदान, दिनेश चारण एवं मुकेश बीरा शामिल थे।