जयपुर। जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय के चिकित्सकों ने मेडिकल ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रयासों को सार्थक करते हुए नाइजीरियन नागरिक का बोनमेरो ट्रांसप्लांट कर एक मील का पत्थर स्थापित किया है।
एसएमएस अस्पताल के प्रोफेसर डा संदीप जसूजा ने बताया कि बोनमेरा ट्रांसप्लांट कराने वाले नाइजीरियन नागरिक 42 वर्षीय मोनी डेविड इस अस्पताल के पहले विदेशी नागिरक है।
उन्होंने बताया कि बैंककर्मी डेविड को इसी वर्ष जनवरी माह में मल्टीमाइलोमन कैंसर डिटेक्ट हुआ। नाइजीरिया में उपचार की सुविधा नहीं होने के कारण डेविड ने पहले मुम्बई आकर विस्तृत जांच करवायी एवं अपने सम्पर्कों के जरिए मालवीय नगर स्थित एशियन कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में कीमोथैरेपी करवायी, वहां से उन्हें बोनमेरो ट्रांसप्लांट करने के लिए उनके पास रैफर किया गया। डा जसूजा की टीम ने चिकित्सकीय जांच के बाद गत 19 नवम्बर को सवाई मानसिंह अस्पताल में डेविड का सफलतापूर्वक बोनमेरो ट्रांसप्लांट कर दिया। बोनमेरा ट्रांसप्लांट के बाद अब डेविड स्वस्थ है लेकिन उन्हें अभी अगले चार दिन आब्जर्वेशन में रखा जायेगा।
डा जसूजा ने बताया कि प्रदेश में विदेशी नागरिक का यह पहला बोनमेरो ट्रांसप्लांट हुआ है। अब तक सवाई मानसिंह अस्पताल में कुल 22 आटोलोगस बोनमेरो ट्रांसप्लांट हो चुके है जो शत-प्रतिशत मामले सफल हुए है। इसके साथ ही एसएमएस में अब तक कुल 42 बोनमेरो ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि डेविड के बोनमेरो ट्रांसप्लांट पर कुल ढाई लाख रुपये की राशि व्यय हुई है जबकि इसी ट्रांसप्लांट पर विकसित देशों में करीब दो करोड़ रुपये की राशि का व्यय होना संभावित था।
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने इस उल्लेखनीय सफलता के लिए विभागाध्यक्ष एवं एसोसियेट प्रोफेसर डॉ. जसूजा और उनके साथियों की प्रशंसा की है एवं एसएमएस प्राचार्य डॉ. यू.एस. अग्रवाल एवं अधीक्षक डॉ. मानप्रकाश सहित ट्रांसप्लांट करने वाली चिकित्सकों एवं नर्सिगकर्मियों की टीम को बधाई दी है।