जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि जिला कलक्टर अपने जिलों में लम्बित जनअभाव अभियोग का ठीक से विश्लेषण करवाएं और यह पता लगाएं कि लोगों को किन विभागों से जुड़े मामलों में सर्वाधिक राहत की जरूरत है। इसके बाद उचित रणनीति बनाकर संबंधित विभागीय अधिकारियों को उस पर काम करने के लिए निर्देशित करें।
मुख्यमंत्री ने आज चार दिवसीय कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि रोजमर्रा के कार्यों के लिए सरकार और आमजन के बीच आपसी संवाद को और आसान कैसे बनाया जाये, इसके लिए जिला प्रशासन को अधिक तत्परता एवं सजगता से काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बीते तीन सालों में राजस्थान को अग्रिम पंक्ति का राज्य बनाने के लिए नीतिगत सुधारों की जो पहल की है उसका लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए जिला कलेक्टर अपने-अपने जिलों में टीम लीडर की भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के आम नागरिक के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए समर्पित भाव से प्रयास किए हैं, अब हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं एवं नवाचारों का पूरा फायदा हर आमजन को मिले। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार हमारे लिए सुशासन के महत्वपूर्ण स्तम्भ हैं। इसलिए हमें मूलभूत सुविधाओं एवं आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक विकास के अपने विजन के अनुरूप अब तक हुई प्रगति का आंकलन भी करना होगा।
राजे ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के तौर-तरीकों एवं आचार-व्यवहार से सरकार की वि उभरकर सामने आती है। इसलिए उन्हें अपने कार्य स्थल एवं कार्य प्रणाली को साफ-सुथरा, संवेदनशील एवं व्यवस्थित रखना चाहिए।
राजे ने कहा कि आमतौर पर जिलों में लोग ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, कलेक्टे्रट, राजस्व, स्वायत्त शासन, पुलिस, बिजली से संबंधित काम लेकर अधिक आते हैं तो ऐसे में जिला कलेक्टर अपने जिलों में लम्बित जनअभाव अभियोग का ठीक से विश्लेषण करवाएं। यह पता लगाएं कि लोगों को किन विभागों से जुड़े मामलों में सर्वाधिक राहत की जरूरत है। इसके बाद उचित रणनीति बनाकर संबंधित विभागीय अधिकारियों को उस पर काम करने के लिए निर्देशित करें।
राजे ने कहा कि पंचायत स्तर पर आयोजित किए जा रहे पं. दीनदयाल उपाध्याय पंचायत जनकल्याण शिविरों में प्रभारी अधिकारी एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारी समय पर पहुंचे तथा पूरे समय उपस्थित रहें, ताकि आमजन को प्रभावी ढंग से राहत पहुंचाई जा सके। पंचायतों को विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध कराई गई कुल राशि के बारे में ठीक से प्रचार-प्रसार किया जाये।
मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की हर सप्ताह समीक्षा की जाये तथा फ्लैगशिप कार्यक्रमों की हर 15 दिन के अन्तराल पर निगरानी की जाये। जिला कलेक्टर फ्लैगशिप योजनाओं एवं प्रोजेक्ट्स की बेहतर निगरानी के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ स्वयं मौके पर विजिट करें।
उन्होंने सभी जिला कलक्टरों को अपने जिलों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करने के लिए मार्च 2018 की डेडलाइन देते हुए कहा कि वे नई रणनीति तैयार करें और विशेष प्रयास कर इस लक्ष्य को हर हाल में हासिल करें।
कॉन्फ्रेंस में राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, संसदीय सचिव, सभी विभागों के वरिष्ठतम अधिकारी उपस्थित हैं। इससे पूर्व मुख्यसचिव ओपी मीणा ने कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक सम्मेलन की रूपरेखा की जानकारी दी।