हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के सुमेरपुर स्थित इलाहाबाद बैंक नकदी लेने गई एक महिला खाते से नकदी न मिलने से बैंक में फफक-फफक कर रो पड़ी। महिला ने बैंक प्रबंधक से बेटी की शादी का हवाला देते हुए कहा कि बेटी की शादी जल्द होने वाली है और घर में नकदी नहीं है लेकिन बैंक प्रबंधक ने नकदी नहीं होने की बात कहकर महिला को चलता कर दिया। सुमेरपुर कस्बे की नई बस्ती में रहने वाली विष्णु कुमारी साहू मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करती है।
उसने मेहनत मजदूरी कर अपनी बेटी की शादी के लिए 30 हजार रुपये इलाहाबाद बैंक की सुमेरपुर शाखा में खाते में जमा किए थे। उसकी बेटी अंकिता की बारात तीन दिसम्बर को आनी है। जिसके लिए वह घर में शादी की तैयारियों में जुटी हुई है। बताया जाता है कि नोटबंदी के बाद यह मां अपनी बेटी की शादी करने के लिए कई दिनों से बैंक के चक्कर काट रही है मगर उसे नकदी नहीं मिल रही है। बीते रोज वह अपने खाते से 30,000 रुपये निकालने के लिए सुबह से ही इलाहाबाद बैंक के बाहर कतार में खड़ी थी लेकिन उनकी बैंक से पैसे निकालने की खुशी की उम्मीद जल्द ही टूट गई।
बैंक वालों ने महिला को सिर्फ 2,000 रुपये थमा दिए जिस पर महिला ने नाराजगी जाहिर की। बैंक वालों ने नकदी की कमी का हवाला दिया जिस पर महिला अपनी स्थिति का बखान कर रो पड़ी। महिला ने रोते बिलखते कहा कि उसके घर में कोई भी कमाने वाला नहीं है जिस वजह से वह पिछले कई दिनों से बंैक के चक्कर लगा रही हैं। महिला ने बताया कि उसे तीन बार बैंक के अंदर जाने का मौका मिला तो उसे मात्र दो हजार रुपये दिए गए जिससे कुछ भी खरीदा नहीं जा सकता।
इस पूरी घटना पर इलाहाबाद बैंक के प्रबंधक मुकेश सोनी का कहना है कि बैंक में नकदी की किल्लत है जिसकी वजह से दो-दो हजार रुपए दिये जा रहे हैं। उनका कहना है कि नकदी नहीं मिलने से जनता का रोष झेलना पड़ रहा है। फिर भी सभी को संतुष्ट करने का प्रयास हो रहा है। इलाहाबाद बैंक के मंडल प्रमुख एवं एजीएम एस.एस गुप्ता का कहना है कि आरबीआई से मांग के अनुरूप नकदी नहीं मिल रही है। बैंक की 60 शाखाओं को तीन-तीन लाख रुपये दिए जा रहे हैं इसीलिए शादी कार्डो पर पूरा भुगतान नहीं हो पा रहा है।