उदयपुर। भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने राज्य सरकार की ओर से प्रदत्त सात सौ रूपए की सहायता राशि स्वीकृत कराने के बदले चार सौ रूपए की रिश्वत लेने के मामले में एक चिकित्साधिकारी को एक-एक साल के कठोर कारावास और दो दो हजार के आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई।
लोक अभियोजक गणेश शंकर तिवारी ने बताया कि सवाई माधोपुर निवासी आरोपी डॉ रूप सिंह मीणा ने बांसवाडा जिले के माहीडेम के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्साधिकारी पद पर रहते हुए पांच जनवरी 2007 को परिवादी राजू निनामा से चार सौ रपए की रिश्वत की राशि ली थी।
राजू ने बांसवाडा के भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो के समक्ष दो जनवरी 2007 को दिए परिवाद में बताया था कि उसकी पत्नी को दो माह पूर्व लडका हुआ था। उस समय राज्य सरकार से प्रत्येक माता को सात सौ रपए दिए जाने का प्रावधान था। उसी को लेकर वह चिकित्सक से मिला तो उन्होंने राशि की मांग की।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद पीठासीन अधिकारी सुनील कुमार पंचोली ने आरोपी चिकित्सक को भ्रष्टाचार निवारण कानून की विभिन्न धाराओं में एक-एक साल के कारवास एवं दो-दो हजार के जुर्माने से दंडित किया। दोनों सजाएं साथ चलेगी।