जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी नोटबंदी के कारण आम जनता को हो रही परेशानी को लेकर चौबीस नवम्बर को प्रांतव्यापी आक्रोश रैली का आयोजन करेगी।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की अध्यक्षता में आज यहां हुयी प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में नोटबंदी के कारण आम जनता को हो रही परेशानियों के संबंध में विभिन्न जिलों से आये पार्टी पदाधिकारियों द्वारा दी गयी रिपोर्ट पर भी चर्चा की गयी। उन्होंने कहा कि इसके तहत जिला मुख्यालयों पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जिला कलेक्टरों और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देकर नोटबंदी के कारण आम जनता को हो रही परेशानी के समाधान की मांग की जायेगी।
पायलट ने बैठक में कहा कि कांग्रेस कालाधन एवं आतंकवाद में इस्तेमाल होने वाले पैसा एवं नकली नोटों पर प्रतिबंध लगाए जाने के पक्ष में है, परन्तु मोदी सरकार द्वारा आठ नवंबर से की गयी नोटबंदी से आम जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने जिस प्रकार से देश की पूरी आबादी को नोट बंदी लागू कर दुविधा में डाला है, उसमें उचित प्रक्रिया नहीं अपनाया जाना निन्दनीय है।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से देश में उत्पादन एवं व्यापार पूरी तरह ठप्प हो गया है तथा श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं, किसानों की उपज को खरीददार नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि रबी की फसल की बुवाई के लिए बीज एवं खाद के लिए किसानों के पास पैसा नहीं होने से आगामी फसल की बुवाई के लिए समस्या खड़ी हो गई है जो देश में खाद्य संकट पैदा होने का संकेत है।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय ने आम नागरिक द्वारा की गई बचत को भी कालेधन की श्रेणी में डालकर जनता के साथ अन्याय किया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस निर्णय से अब तक करीब सौ लोगों की मौत होने के समाचार है।
उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कटाक्ष करते हुये कहा कि लगभग एक पखवाडे से लोगों को अपने ही पैसे लेने के लिए कतारों में कई घण्टों खड़े रहना पड़ रहा है, परन्तु उन्होंने अब तक प्रदेश की जनता के सामने प्रतिदिन आ रही समस्याओं को लेकर समीक्षा बैठक तक नहीं की गई है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने जनता की परेशानियों को संज्ञान में लेना तक उचित नहीं समझा है।
उन्होंने राज्य सरकार से भी जनहित में जनता की सुविधा के लिए बैंकों के बाहर पानी एवं छाया की व्यवस्था करने , राशन की उपलब्धता को सुनिश्चित करने और कच्ची बस्तियों, गांवों में रहने वाले गरीबों तथा बीपीएल परिवारों के लिए मुफ्त में राशन वितरण की व्यवस्था करने की मांग करते कहा कि बिना नकद पैसे के लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई है।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में जितना पैसा चलन में था उसे बंद कर 13 दिनों में मात्र 10 प्रतिशत ही पैसा बैंकों एवं एटीएम तक पहुंचा है, जिस कारण विवाह एवं अन्य सामाजिक समारोहों के आयोजन में आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शादी के कार्ड दिखाने के बावजूद बैंकों में पैसा नहीं होने के कारण लोग खाली हाथ लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आबादी जिनके खाते बैंकों में नहीं हैं वे रोजमर्रा की चीजों के अभाव में अपना गुजर-बसर तक नहीं कर पा रहे हैं।
पायलट ने केन्द्र सरकार से मांग की कि 24 नवम्बर के बाद भी जब तक नई मुद्रा पूरी तरह चलन में नहीं आती तब तक सेवाओं के लिए पुरानी मुद्रा के इस्तेमाल की स्वीकृति जारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टोल-नाको पर नि:शुल्क आवाजाही जारी रहनी चाहिए, नहीं तो खाद्य पदार्थों के परिवहन पर रोक लगने से उनके खराब होने एवं महंगाई के और बढऩे से जनता बुरी तरह प्रभावित होगी।
उन्होंने आयकर विभाग द्वारा दिये जा रहे नोटिसों का हवाला देते हुये कहा कि एक तरफ तो सरकार जनता से उसकी बचत को जमा कराने का आह्वान कर रही है, वहीं आमजन एवं व्यापारियों को इनकम टैक्स के नोटिस देकर डराया जा रहा है।
बैठक में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नारायण सिंह, डॉ. बी. डी. कल्ला एवं डॉ. चन्द्रभान ने भी अपने विचार व्यक्त किये। बैठक में इन्दौर-पटना एक्सप्रेस रेल हादसे में मारे गये लोगों के प्रति शोक जताया तथा दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की गई।