जयपुर। वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध में अदम्य साहस, वीरता एवं बहादुरी के साथ देश की सीमाओं की रक्षा के लिए लड़ते हुए शहीद हुए जोधपुर जिले के परमवीर चक्र मेजर शैतान सिंह का 54वां बलिदान दिवस आज जोधपुर में सैन्य सम्मान के साथ मनाया गया।
जोधपुर शहर के पावटा स्थित चौराहा पर उनके बलिदान दिवस को मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में सैन्य अधिकारियों, सैनिकों, पूर्व सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैनिकों, जनप्रतिनिधियों, नागरिकों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने चौराहा पर स्थित मेजर शैतान भसह की मूर्ति के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
चौपासनी विद्यालय के केसरिया साफा बांधे 51 छात्र भी विद्यालय के पूर्व विद्यार्थी रहे मेजर शैतान सिंह को श्रद्धाजंलि देने समारोह में शरीक हुए।
उल्लेखनीय है कि मेजर शैतान सिंह ने 18 नवम्बर 1962 को भारत-चीन युद्ध में बहादुरी, शौर्य एवं वीरता के साथ 13 कमाउ की चारली कम्पनी को कमाण्ड करते हुए चुशुल सेक्टर के रेजांगला में 18 हजार फुट की ऊंचाई पर लड़ते हुए शहीद हो गए थे। भारी बर्फ गिरने के कारण उनका शव तीन महीने बाद मिला तथा 18 फरवरी 1963 को जोधपुर में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें मरणोपरान्त परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।