जयपुर। आज हाईवे, शहर, गली, मौहल्ले और नुक्कड पर गायें डेरा डाले हुए है, जो दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रही है। आखिर इसमें गायों की क्या गलती? उन बेजुबान जानवरों को रहने के लिए कुछ जगह तो चाहिए।
लेकिन शर्मनाक बात तो यह है कि आखिर इतनी गायें सडक़ों पर बैठी है तो वह किसी वजह से? इनका कोई धणी-धोरी तो होगा, लेकिन मालिक गाय का दूध निकाल कर उन्हे आवारा छोड़ देते है। फिर चाहे इनसे हादसे हो या फिर गायें दुर्घटना का शिकार हो? उन्हे इस बात से कोई लेना देना नहीं है।
जरा संभलकर चलाएं वाहन
देशभर की सडक़ों पर हादसों को निमंत्रण देती गायें। आलम तो यह है कि राजमार्गों पर गायों के बीच सडक़ पर बैठने से कई बार दुर्घटनाएं घटित हो चुकी है। टोंक रोड़,अजमेर रोड़, दिल्ली रोड़, आगरा रोड़, सीकर रोड़, कालवाड़ रोड़ के हाईवे पर अधिकांश बार देखा गया है कि गायों के बीच सडक़ पर बैठने से वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे हादसे घटित होते रहते है।
कई बार सडक़ के बीचो-बीच गाय बैठे होने की वजह से वाहन चालकों को एक दम ब्रैक लगाने पड़ते है, जिसकी वजह से पीछे से आ रहे वाहन और उसमें भिड़ंत होने की संभावना बनी रहती है। कई बार तो भीषण हादसा घटित हो जाता है, ऐसी खबर कई बार प्रकाशित हो चुकी है।
कचरा खाने पर मजबूर गौमाता
शहर के मुख्य मार्गों और चौराहों पर बिखरे पड़े कचरे और पॉलीथीन को गौमाता खा रही है, जो इनकी सेहत के लिए खराब है। गाय मालिक दूध निकाल कर गायों को आवारा छोड़ देते है, और खाने के लिए कुछ भी नहीं देती है, जिसका जीता जागता उदाहरण है शहर की गलियां और चौराहे। जहां पर बिखरे पड़े कचरे को गायें खाने को मजबूर हो रही है।
गाय मालिकों पर हो कार्रवाई?
आवारा घुम रही गायों के मालिकों पर जयपुर नगर निगम को कठोर से कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। जो इन गायों की बदहाली के लिए जिम्मेदार है? आखिर इनको किसने हक दिया, जो गाय का दूध निकाल कर सडक़ पर छोडऩे का? अगर पशुओं को पालन का इतना शौक है तो फिर उनकी रक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
बदहाली पर बहा रही आंसू
आज गौमाता अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है,लेकिन उनके आंसुओं का मोल ये दुनिया वाले क्या जानें? कितनी ही गाय मर गई और कितनी ही तड़प रही है। यह हाल राजस्थान के जयपुर जिले स्थित (कानोता) हिंगानिया गौशाला का है।
क्या जयपुर स्थित गौशाला में गायों की सही देखभाल नहीं हो सकती है, वहां पर सरकार ने लंबी चौड़ी गौशाला स्थापित की थी, जो शहर से एक दम दूर है।
जहां पर हजारों गायों के रहने के लिए जगह बनाई गई है, लेकिन देखरेख के अभाव के चलते वहां पर भी गायें हादसों को शिकार हो रही है। जयपुर नगर निगम को मुख्य मार्गों पर खड़ी गायों को पकडक़र गौशाला भेज देना चाहिए। जिससे सडक़ों पर हादसे कम हो जाएंगे।