जयपुर। एक तरफ तो हम विदेश से आने वाले नागरिकों को 'पधारो म्हारे देश' का संबोधन कर पलक पावणे बिछा स्वागत करते है तो दूसरी ओर हमारी पुलिस विदेशी नागरिकों को भी लूटने में भी कोई गुरेज नहीं करती।
ऐसा ही एक मामला अल्बर्ट हॉल पर दोपहर सवा तीन बजे देखने को मिला जब दिल्ली से जर्मनी के 15 लोगों का ग्रुप आकर रूका। जैसे ही उनकी बस नंबर यूपी-17-9503 अल्बर्ट हॉल के बाहर सड़क पर आकर रूकी और उसमें सवार सभी लोग एक-एक कर नीचे उतरने लगे तो पहले से ताक पर बैठे चेतक पुलिस के जवान आ पहुंचे। चेतक पुलिस के जवान ने उन्हें रोक लिया और उनसे यहां पर उतरने को लेकर बहस करने लगा। पुलिसकर्मी ने उनसे पांच सौ रुपए की मांग की।
जर्मनी से आए डोरिस ने पुलिसकर्मी से अंग्रेजी में कई बार पूछा कि आप किस बात के लिए रुपए मांग रहे हो, लेकिन वह कुछ समझ नहीं पाया। इसके बाद बस के ड्राइवर ने बात की तो उसे धमका कर भेज दिया। डोरिस और उनके साथी मारग्रेट, थोमस ने कहा कि 'दिस इज रांग' पर वह कुछ समझने को तैयार नहीं था। पुलिसकर्मी ने पहले उनसे जुर्माने के लिए पांच सौ रुपए मांगे, फिर काफी मशक्कत करने के बाद वह सौ रुपए में मान गया। पुलिसकर्मी ने डोरिस से सौ रुपए ऐंठ लिए इसके बदले उन्हें कोई रसीद भी नहीं दी गई।
वीडियो में सुनें पीड़ित पर्यटकों की जुबानी
पुलिसकर्मी सौ रुपए लेकर खुश होता हुआ वापस नए शिकार के लिए चेतक में जाकर बैठ गया। इसके बाद ग्रुप को रणथंभौर घूमने के लिए जाना था इसलिए वह बिना कुछ कहे चले गए। सारे वाकये को कैद किया समाचार जगत के क्राइम रिपोर्ट ने। हमारे रिपोर्टर ने इस ठगी का शिकार हुए जर्मन पर्यटकों से बात कर भी हकीकत जानी। उन्होंने बताया कि वह 7 नवम्बर की रात को आए थे और 26 नवम्बर को वापस जाएगें।