जयपुर। केंद्र सरकार द्वारा देशहित के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 8 नवम्बर को अचानक नोट बंदी का ऐलान कर दिया। पूरे देश में चलने वाले 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिए गए, जिसके चलन की समय सीमा केंद्र सरकार ने 24 नवम्बर रात 12 बजे तक के लिए कुछ महत्वपूर्ण जगहों पर ही स्वीकार सुविधा दी गई। समय सीमा की अवधि 24 नवम्बर को पूरी होते ही रात में घड़ी की सुई जैसे ही 12 बजे रात का समय बताएगी तब से 500 और हजार के पुराने नोट इतिहास का हिस्सा हो गये।
कुछ जरूरी सुविधाओं के लिए सरकार की तरफ से 24 तारिख की रात तक 500 और हजार के नोट स्वीकार किये जाने की छूट दी गई थी। लेकिन अब उन जगहों पर भी ये पुराने नोट नहीं चलेंगे। यानी अब जिनके पास भी 500 व 1 हजार के पुराने नोट बचे हुए हैं वो सिर्फ अपने बैंक के अकाउंट में ही इन्हें जमा करा पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 8 नवंबर 2016 को 500 और हजार के नोट बंद करने के ऐलान किया।
इसके बाद बैंकों में 500 और हजार के पुराने नोट बदलने के लिए अफरातफरी मच गई। लोगों को लगा कि अगर उन्होंने जल्द से जल्द अपने नोट नहीं बदले तो उनकी जमापूंजी रद्दी में तब्दील हो जाएंगे। फिर क्या था अपने नोटों को बदलने के लिए पूरे देश में बैंकों के बाहर लोगों की भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा और बैकों के ऊपर बढ़ती भीड़ का दबाव और लोगों की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने कई जरूरी सेवाओं में इन नोटों को चलाने की छूट दी थी।
लेकिन 24 नवम्बर की आधी रात से केंद्र सरकार की तरफ से दी गयी मोहलत के मुताबिक इन सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता 500 और 1000 के पुराने नोट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे यानी जैसे ही आधी रात को घड़ी 12 बजाएगी तब से 500 और हजार के पुराने नोट बाजार में चलन से पूरी तरह से बाहर हो गया।