जयपुर। केंद्रीय बिजली राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने राजस्थान की पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बिजली वितरण कम्पनियों में वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा जब वर्ष 2013 में भाजपा सरकार ने प्रदेश में सत्ता संभाली उस समय बिजली वितरण कम्पनियां पंह हजार करोड़ रूपये के वार्षिक घाटे में चल रही थी।
बिजली वितरण कम्पनियों को घाटे से उभारने के लिये राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासों की सराहना करते हुए गोयल ने कहा, ‘हमारी सरकार दूरस्थ स्थानों पर जहां चोरी और छीजत नुकसान 15 प्रतिशत से कम है वहां बिना किसी व्यवधान के बिजली देने के लिये प्रतिबद्ध है।’ केंद्रीय की महत्वाकांक्षी दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अवसर पर गोयल ने वीडियो क्रांफ्रेंसिग के दौरान कहा कि बिना किसी व्यवधान के और सस्ती बिजली 24 घंटे उपलब्ध कराने के सपनों को पूरा करने के लिये संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है।
यदि लोग बिजली के बिलों का भुगतान समय पर करेंगे और बिजली की चोरी नहीं करेंगे तो 24 घंटें बिजली मिलने के सपने को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान ग्रामीण बिजलीकरण में तेजी से आगे बढ रहा है। इस योजना के तहत उदयपुर जिलें के धीया गांव में यह काम शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में 22 लाख घरों में अभी भी बिजली आपूर्ति का कार्य बाकी है जिसे आगामी 18 महीनों में पूरा कर लिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत प्रदेश में 495 गांवों को बिजली उपलब्ध कराई जानी है जिसमें से 426 गांवों को बिजली उपलब्ध कराई जा चुकी है। 68 गांवों में बसावट नहीं है, जबकि एक गांव में कार्य बाकी है। बिजली मंत्रालय के आंकडों के अनुसार इस योजना के तहत 90 लाख 46 हजार 216 घरों में से 21 लाख 78 हजार 845 घरों में बिजलीकरण होना शेष है, जबकि 69 हजार 58 घरोंं में बिजलीकरण का कार्य प्रगति पर है। -(एजेंसी)