जैसलमेर। असम के तनसुकिया जिले में नक्सलवादियों से हुई मुठभेड में शहीद नरपत सिंह का सैन्य एवं राजकीय सम्मान के साथ राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव लौंगासर में आज अंतिम संस्कार कर दिया गया।
शहीद के पार्थिव शरीर को उनके आठ वर्षीय पुत्र फूल सिंह एवं भाई भोम सिंह ने मुखाग्नि दी। इस दौरान 24 मेकेनाइज इनफेन्ट्री के जवानों ने गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की ओर से राज्य बीज निगम के अध्यक्ष शंभूसिंह खेतासर ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी।
इसी तरह राजस्व उपनिवेशन मंत्री अमराराम चौधरी, सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजोर, विधायक छोटूसिंह भाटी, शैतानसिंह राठौड, हमीरसिंह भायल, जिला कलेक्टर मातादीन -शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल बी.एस. आर.राठौड एवं एडम कमाण्डेन्ट पोकरण कर्नल एस.के. शर्मा ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी।
इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लौंगासर की भोपालसिंह की ढाणी पहुंचने पर माहौल गमगीन हो गया। इसके बाद लोगों ने शहीद को नमन एवं उनकी पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी।
शहीद के पार्थिव देह के साथ आएं 15 कमाउं रेजीमेन्ट के सूबेदार ओमप्रकाश ने बताया कि गत 19 नवंबर को असम में तनसुकिया जिले के दिग्री क्षेत्र से बटालियन एरिया में आते समय रास्ते में आंतकवादियों ने विस्फोट कर ताबडतोड फायभरग शुरू कर दी। नरपत सिंह ने अद्म्य साहस दिखाते हुए नक्सलवादियों से लोहा लिया लेकिन नक्सलवादियों की गोली उनके सीने पर लग गई और वह शहीद हो गए।
वार्ता