कोलकाता। उच्च मूल्य के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने के बाद शहर में जारी नगदी संकट के बीच एक किशोर की शुक्रवार को यहां एक अस्पताल में मौत हो गई, क्योंकि दवा विक्रेता ने अति आवश्यक चिकित्सा पट्टी (मेडिकल टेप) देने के बदले अमान्य घोषित 500 रुपये के नोट लेने से इनकार कर दिया। सिबा (16) को गुरुवार सुबह तेज बुखार के साथ यहां आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था। एक स्थानीय दवा दुकान ने कथित रूप से मरीज को डक्ट टेप देने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसके परिजनों के पास केवल 500 रुपये के नोट थे।
किशोर के एक संबंधी शंभू दास ने कहा, मैं मरीज के लिए एक डक्ट टेप खरीदना चाहता था, जिसकी कीमत 180 रुपये थी। लेकिन मेरे मरीज की गंभीर हालत होने के बावजूद दवा दुकानदार ने 500 रुपये का नोट लेने से मना कर दिया। यद्यपि सरकार ने उच्च मूल्य के 500 और 1000 रुपये के नोट अमान्य घोषित कर दिए हैं, लेकिन सरकारी क्षेत्र के अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों को पुराने नोट स्वीकार करने को कहा है।
हालांकि दवा दुकान के मालिक तुषार कांति घोष ने आरोप को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने मरीज के परिजन को दवा उधार में ले जाने को कहा, क्योंकि उनके पास 500 रुपये के छुट्टे पैसे नहीं थे। किशोर के परिजनों ने आर.जी. कर अस्पताल के आपातकालीन विभाग के सामने एक विरोध प्रदर्शन किया। एक परिजन ने कहा,हम दवा दुकान के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे।