अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के किशनगढ़ बास थाना क्षेत्र में दो दिन पहले एक बैंक के पदाधिकारियों के पास से पुलिस द्वारा पकड़ी गई सवा करोड़ रुपए की राशि की जांच के लिए आज अलवर अरबन को.ऑपरेटिव बैंक बंद रहने पर सैंकडों ग्राहक एकत्रित हो गए और हंगामा किया।
कोतवाली पुलिस ने बैंक के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है और बैंक की चाबी जब्त की है। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेकर दी अलवर सेंट्रल को.ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक एमडी को इस बैंक की जांच करने के निर्देश दिए हैं कि बैंक में जमा राशि के स्टेटमेंट की जांच की जाए।
अलवर अरबन को़ ऑपरेटिव बैंक के एमडी महेश मुद्गल आज दोपहर जांच करने के लिए बैंक आए और कोतवाली से चाबी मंगवाकर बैंक को खुलवाया। बैंक बंद होने और ग्राहकों के परेशान होने की सूचना के बाद अलवर शहर विधायक बनवारी लाल भसघल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्राहकों को आश्वस्त किया कि बैंक आपके साथ न्याय करेगा।
बैंक द्वारा आज ग्राहकों से कोई लेन देन नहीं किया और प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि जिस रकम को पुलिस द्वारा जब्त किया गया है वह रकम बैंक की है या जिन लोगों के पास से बरामद की है उन लोगों की है।
मुद्गल ने बताया कि जिन लोगों के पास से यह पैसा बरामद किया गया है वह बैंक के डायरेक्टर हैं तथा राशि बैंक की नहीं है और इन पदाधिकारियों के खाते भी बैंक में नहीं है। उन्होंने कहा कि वह बैंक में आते हैं लेकिन कर्मचारियों से उनका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि शाखा प्रबंधक दीपक के कमरे से मिले बैंक के कागजात संदेह पैदा करते हैं और इस बैंक का ट्रांजैक्शन स्टेट बैंक एंड बीकानेर जयपुर की आर्य नगर शाखा से होता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद करने के बाद बैंक द्वारा खोले गए खातों में करीब 500 नए खाते जुड़े हैं और उन सब खातेदारों की राशि सुरक्षित है। आज बैंक खुलने का इंतजार कर रहे ग्राहकों ने बताया कि अखबारों में पढऩे के बाद उनमें घबराहट पैदा हो गई और अब वह पैसे निकालने के लिए बेचैन है और यहां आकर देखा तो बैंक के ताला लगा हुआ है। जिन लोगो से ये राशि जब्त की गई है उन लोगो का कहना है ये राशि बैंक की है।