परिवहन आयुक्त एवं प्रमुख शासन सचिव ने पूर्व आदेश को वापस लिया
जयपुर लंबे समय से संघर्ष कर रहे रोडवेजकर्मियों को बुधवार को बड़ी सफलता ्रमिली हैं। सरकार ने राजस्थान लोक परिवहन सेवा की प्राइवेट बसों को रोडवेज बस स्टेण्ड से संचालित करने के निर्णय को वापस ले लिया है। इसे कर्मचारियों की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। प्रदेश भर के रोडवेज कर्मचारियों में इस खबर से हर्ष की लहर दौड़ गई है।
बुधवार को परिवहन आयुक्त एवं प्रमुख शासन सचिव शैलेन्द्र अग्रवाल ने पूर्व में इस बाबत दिए ओदश को वापस ले लिया। यहां उल्लेखनीय है कि रोडवेज में एटक, सीटू, इंटक और आरएसआरटीसी रिटायर्ड एम्पलॉयज एसोसिएशन के संयुक्त मोर्चे का गठन कर एक वर्ष से लगातार राज्य सरकार के रोडवेज विरोध व श्रम विरोधी फैसले को वापस लेने के लिए आंदोलन चला रखा था।
पिछले दिनों इस मोर्चे से राजस्थान रोडवेज सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति एवं राजस्थान परिवहन निगम जनता मजदूर संघ भी जुड़ गए थे। विधानसभा सत्र के बाद पिछले दिनों 6 अक्टूबर को प्रदेशव्यापी बहिष्कार के बाद परिवहन मंत्री यूनुस खान द्वारा श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों से वार्ता के बाद लोक परिवहन की बसों को अन्य स्थानों से संचालित करने का एक महीने में फैसला करने का वादा किया गया था।
16 नवम्बर को फैसला नही आने के बाद कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया था और 21 नवम्बर को फिर प्रदेशस्तरीय विशाल रैली की गई थी। सभी संयुक्त यूनियन के नेताओं ने परिवहन मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है।