राजस्थान मंडप में छाया महिलाओं के हाथों का हुनर

Samachar Jagat | Thursday, 24 Nov 2016 01:04:49 PM
Rajasthan Pavilion shadow skills of the hands of women

नई दिल्ली। प्रगति मैदान में चल रहे 36वें भारतीय अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेले के राजस्थान मंडप में महिलाओं द्वारा संचालित महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प उत्पाद, विशेषकर लाख की चूडिय़ां, सजावटी समानों एवं ज्वैलरी की दर्शकों एवं ग्राहको के बीच काफी मांग है। 

 व्यापार मेले में इस बार भी राजस्थान के महिला स्वयं सहायता समूहों ने अपने उत्पादों को ग्राहकों के लिए बिक्री हेतु प्रदर्शित किया है। राजस्थान पवेलियन में अपने स्टॉल पर सजे हुए हुनरबंद हाथों से बने रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले उत्पादों के बारे में जयपुर की राष्ट्रीय अमृता हाट स्वयं सहायता समूह की संचालिका तहसीन ने बताया कि यह समूह दस-दस महिलाओं द्वारा 15 समूहों में संचालित किया जा रहा है। 

उन्होने बताया कि ‘राष्ट्रीय अमृता हाट स्वयं सहायता समूह द्वारा जयपुर की घरेलू कामकाजी महिलाओं द्वारा अलग-अलग आइटम्स बनाए जाते है। उन्होंने बताया कि एक समूह विशेष द्वारा लाख की चूडिय़ां बनाई जाती है, तो दूसरे  समूह के द्वारा गोटा पत्ती, सिल्क और हाथ की सिलाई से तैयार पारम्परिक परिधान तैयार किये जाते हैं। तहसीन ने बताया कि दस साल पूर्व शुरू  किये गये इस स्वयं सहायता समूह में आज करीब 200 महिलाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। 


उन्होंने बताया कि हमारे समूह से जुड़ी सभी महिलाएं मुख्य रूप से घरेलू कामकाजी महिलाएं है। ऐसी महिलाएं जिनका पुस्तैनी काम है, वो भी अपने उत्पाद समूह के माध्यम से बाजार में बेचने को प्राथमिकता देती है। इससे उन्हें अपने हस्तनिर्मित उत्पादों की अच्छी कीमत मिल जाती है।

तहसीन ने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूह घरेलू कामकाजी महिलाओं के लिए आत्म निर्भरता का प्रमुख साधन है। हमारे सभी समूहों का एक प्रमुख उद्देश्य महिलाओं के बीच आपसी तालमेल की भावना पैदा करने के साथ सदस्य महिलाओं के सहयोग से अन्य जरूरतमंद महिलाओं की सहायता करना भी है। इसी तरह समूहों द्वारा तैयार उत्पादों से होने वाली आमदनी का कुछ हिस्सा समाज सेवा के विभिन्न कार्यों में भी लगाते है। 

उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह की अल्प कालीन महिलाओं को जरूरत के समय अल्पकालीन ऋण भी दिये जाते है। जिससे समूहों की महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण एवं स्वावलम्बन को बढ़ावा मिलता है। इस प्रशिक्षण से उन महिलाओं के आय के साधनों में वृद्धि होती है तथा राजस्थान की परम्परागत धरोहर से जुड़े उत्पादों सहित ईको-फ्रेंडली उत्पादों को देश के विभिन्न हिस्सों के बाजारों तक पहुंचाने में सहायता मिलती है।

तहसीन के साथ समूह संचालन में सहयोग करने वाले ग्यूर अहमद ने बताया कि हमारे द्वारा विभिन्न क्षेत्र की महिलाओं को हुनरबंदी का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। जयपुर के नजदीक नायला में मोहिनी स्वयं सहायता समूह‘ की संचालिका सरला गुप्ता ने बताया कि उनके समूह द्वारा साडिय़ों पर गोटा, ट्यूब, बार्डर लगाने का विशेष काम हुनरबंद हाथों से किया जाता है। उनके द्वारा तैयार साडिय़ों की कीमत ग्राहकों के लिए 500 से 500 तक की रेंज में उपलब्ध है।

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 36वें भारतीय अन्तरराष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थान मंडप में महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा लगाये गये स्टॉलों पर खरीदारी करती महिलाएं।



 
loading...
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.