जयपुर। रणथंभौर नेशनल पार्क इलाके में स्थित खवा गांव में सोमवार को सुबह बाघिन टी-83(लाइटनिंग) कुएं में गिर गई। गांव के लोगों की जब नींद खुली और वे कुएं पर गए तो यह नजारा देख उनके होश उड़ गए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार इसके टी-83 बाघिन होने की पुष्टि की जा रही हैं।
गांव वालों ने दी वन विभाग को सूचना, तुरंत मौके पर पहुंची टीम:-
रणथम्भौर के फिल्ड डायरेक्टर वाई के साहू ने बताया कि यह गांव रणथंभौर अभयारण्य की सीमा पर है, जहां संभवत: यह बाघिन पानी पीने के उद्देश्य से आई थी। सोमवार सुबह-सुबह जब लोग यहां कुएं पर पहुंचे तो उन्होंने यह नजारा देखा। फिल्ड डायरेक्टर वाई के साहू के अनुसार गांव के लोगों ने वन विभाग को सूचना दी। इसके तुरंत बाद टीम ने मौके पर पहुंच रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
ट्रेंक्यूलाइज कर बाहर निकाला:-
साहू के मुताबिक कुएं में पानी भी कम था लेकिन बाघिन टी-83(लाइटनिंग) करीब चार घंटे तक तैर-तैर कर अपनी जान बचाने की कोशिश में जुटी रही। गांव के लोग भी उसे बचाने के भरसक प्रयास कर रहे थे, लेकिन वन विभाग की टीम ने पहुंचकर आधे घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन में ही उसे ट्रेंक्यूलाइज कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया। आखिरकार बाघिन की खुद और विभाग की टीम के प्रयासों से जान बच गई।
कुएं के आसपास लगा देखने वालों का मेला, रेस्क्यू में आई दिक्कत:-
वाई के साहू ने बताया कि वन विभाग की टीम ने सुबह जैसे ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया तो इसमें टीम को भारी दिक्कत आई। इसका कारण यह रहा कि यहां गांव वालों का हुजूम जुट गया था। कुएं के आसपास बाघिन टी-83(लाइटनिंग) को देखने वालों की काफी तादाद में भीड़ जमा हो गई थी। इससे वन विभाग की टीम को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा भीड़ के शोर से कुएं में गिरी बाघिन भी बेहद घबरा गई थी।
इनका कहना है:-
सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई थी। बाघिन को सुरक्षित निकाल लिया गया है। अब इसकी जांच कर इसको वापस इसकी टैरीेटरी में छोड़ा जाएगा।
जी.वी रेड्डी
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक