भीलवाड़ा/जयपुर। राष्ट्रीय स्वंयसेवक के सर संघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने संघ की शाखा को एक तपस्या बताते हुए कहा है कि संघ सोच ही भविष्य में भारत की दृष्टि होगी। यह ईश्वरीय काम है, जिसमें समुचे मानवता के विकास की बात है।
भीलवाडा में अपने चार दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. भागवत ने रविवार को संघ के स्वंयसेवकों के एकत्रीकरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें देश को परम वैभव पर पहुंचाना है। देश को निडऱ समृद्घ बनाना है और इस काम में कोई प्रमाणिक नेता भाग ले तो अच्छा है।
उन्होंने कहा कि समाज तैयार होगा तो समस्याओं का निदान भी होगा। हम सब को एकजुट होकर राष्ट्र का उत्थान करना है और इसके लिए गांव-गांव में संघ की शाखाओं के माध्यम से निस्वार्थ जन सेवक तैयार करने हैं। संघ का काम बढ़ेगा तो अपने आप समाज का विकास होगा। सम्पूर्ण समाज को संगठित करने के लिए हमें हमारा विरोध करने वालों को भी एक सूत्र में पिरोकर देश के काम में लगाना है।
संघ प्रमुख के साथ मंच पर क्षेत्र संघ चालक भगवती प्रसाद शर्मा, भीलवाड़ा विभाग संघ चालक इंजीनियर जगदीश चन्द जोशी भी मौजूद रहे। एकत्रीकरण में भीलवाड़ा महानगर, भीलवाड़ा ग्रामीण, शाहपुरा और आसींद जिलों के करीब 10 हजार स्वंयसेवक शामिल हुए।
एकत्रीकरण कार्यक्रम से पूर्व संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अग्रवाल उत्सव भवन में चिंतन बैठक भी ली जिसमें जिला प्रचारक, जिला कार्यवाह व इसके ऊपर के कार्यकर्ता शामिल हुए। संघ प्रमुख मोहन भागवत एकत्रीकरण कार्यक्रम के बाद उदयपुर के लिए रवाना हो गए।