कोटा। राजस्थान में कोटा की भ्रष्टाचार मामलों की विशेष अदालत ने आज पन्द्रह लाख रूपये की रिश्वत लेने वाले एक थानेदार को न्यायिक हिरासत में भेजा हैं।
आरोपी ने कल चित्तौडग़ढ़ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों कार्यालय में समर्पण करने के बाद आज यहां उसे अदालत में पेश किया गया और न्यायालय ने जेल भेजने के आदेश दिए हैं। आरोपी को निचली अदालत से उच्च न्यायालय तक अग्रिम जमानत देने से इंकार करने तथा पुलिस महानिदेशक ने इसके खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी देने के बाद कल उसने आत्मसमर्पण किया।
आरोपी पुलिस उपनिरीक्षक जोधाराम गुर्जर कोटा जिले के मौड़क थाने का प्रभारी रहते 22 अगस्त , 2014 को डोडा चूरा के ठेकेदार से डोडा से भरा ट्रक छोडऩे की एवज में 15 लाख रूपये की रिश्वत ली थी और इसके दलाल विनोद पारेता को ब्यूरों टीम ने गिरफ्तार कर लिया था और मुख्य आरोपी फरार हो गया था।
इस मामले में अगली सुनवाई 6 दिसम्बर को होगी तथा उसकी जमानत अर्जी पर कल सुनवाई होगी। मामले में खास बात यह है कि फरारी के दौरान उसको उपनिरीक्षक से निरीक्षक के पद पर पदोन्नति भी मिल गई और नये पद की ट्रेभनग लेने के बाद उसे चितौडग़ढ़ पुलिस लाईन में रिजर्व इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्त भी कर दिया गया। कुछ समय पहले उसे निलम्बित कर उदयपुर मुख्यालय में हाजिरी देने के लिये कहा था लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए जोधाराम कभी वहां हाजिरी देने नहीं गया।