रुद्रपुर । ऊधमसिंह नगर जिले में एनएच-74 के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे में 300 करोड़ रुपए से ज्यादा के कथित घोटाले में फरार चल रहे निलंबित पीसीएस अफसर तीरथ पाल ने सोमवार को इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल के सामने समर्पण कर दिया।

ऊधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते ने बताया कि एसआईटी ने तीरथ पाल के समर्पण करते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि मेडिकल जांच के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा।
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तीरथ पाल पर बाजपुर में उपजिलाधिकारी के पद पर रहते हुए किसानों से सांठगांठ करके उन्हें कई गुना अधिक मुआवजा दिलाने के उद्देश्य से पिछली तारीख (बैक डेट) में जमीन को कृषि से गैरकृषि में बदलने का आरोप है।
उल्लेख है कि जांच में बैक डेट में कृषि वाली जमीन की प्रकृति के बदलने की पुष्टि होने के बाद एसआईटी ने तीरथ पाल के देहरादून तथा अन्य जगहों पर स्थित आवास पर दबिश दी थी मगर वह नहीं मिले।
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उस वक्त उन्होंने अपना मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ कर लिया था। हालांकि तीरथ पाल ने बाद में पुलिस अफसरों को फोन कर भरोसा दिलाया था कि वह खुद आकर समर्पण कर देंगे।

पिछले साल सामने आए एनएच—74 भूमि मुआवजा घोटाले की जांच कर रहे तत्कालीन मंडलायुक्त डी सेंथिल पांडियन ने अनुपूरक जांच रिपोर्ट में बाजपुर के तत्कालीन एसडीएम तीरथ पाल के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी मगर आयुक्त की यह रिपोर्ट लंबे समय तक शासन में दबी रही।
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इसी बीच तीरथ पाल को प्रमोशन मिल गया और वह अपर जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के पद पर तैनात हो गए।हालांकि, बाद में उन्हें निलंबित कर दिया गया।
इस भूमि मुआवजा घोटाला में अब तक चार पीसीएस अधिकारियों समेत 20 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। रविवार को एसआइटी ने पिथौरागढ़ जिले की बेरीनाग तहसील में तैनात प्रभारी तहसीलदार रघुवीर सिंह को गिरफ्तार किया था।