दिल्ली। चुनाव आयोग अगले साल उत्तर प्रदेश, उराखंड और पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखो की घोषणा बुधवार शाम तक कर सकता है। सम्भावना है कि यूपी में सात चरणों में तथा शेष राज्यों में एक ही चरण में चुनाव कराया जाएगा। पांचों राज्यों में एकसाथ ही चुनाव करवाए जा सकते हैं।
इस बार भी वर्ष 2012 की तर्ज पर यूपी में सबसे अधिक एक लाख 28 हजार 112 मतदान केंद्र स्थापित किए जा सकते हैं, जबकि पंजाब में 19 हजार 724, उत्तराखंड में 9744, गोवा में 1612 और मणिपुर में 2325 मतदान केंद्र हो सकते हैं। 28 दिसंबर यानी बुधवार को चुनाव के चरणों और तिथियों पर अंतिम निर्णय ले सकता है। इससे पहले आयोग ने सुरक्षा बलों की उपलब्धता और बोर्ड परीक्षाओं का मतदान तिथियों में टकराव नहीं हो जैसे विषयों पर चर्चा कर ली है।
आयोग ने हाल ही में 255 राजनीतिक दलों को सूची से हटाया है ऐसा उनकों मिलने वाले चंदे के दुरुपयोग के संबंध मे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को पड़ताल के लिए पत्र भी लिखा गया है। 2017 में गोवा, मणिपुर और पंजाब में विस का कार्यकाल 18 मार्च को समाप्त हो रहा है इधर उत्तराखंड विधानसभा कार्यकाल 26 मार्च को खत्म होने वाला है। जबकि यूपी विस का कार्यकाल 27 मई को समाप्त हो जाएगा।
देश की सबसे बडी विधानसभा सीटों वाला राज्य उत्तर प्रदेश की 403 सीटों के लिए चुनाव बोर्ड की परीक्षाओं से पहले आयोजित करवाए जा सकते हैं। सम्भावना है कि बोर्ड की परीक्षाओं की तिथि आगे जा सकती है या फिर चुनावी तारीखे फरवरी तक करवाई जा सकती हैं।
इसी तरह उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में भी बोर्ड परीक्षा से पूर्व ही विधानसभा के चुनाव निपटाने के मूड में चुनाव आयोग है। ऐसे में यह माना जा हरा हैं कि जनवरी के अंत से मार्च के पहले सप्ताह तक पांचों राज्यों का चुनाव करवाए जा सकते हैं।
नियमों के मुताबिक विधानसभा या लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए निर्वाचन आयोग 21 दिनों का समय देना जरुरी होता है।मतदान की तारीख का ऐलान करने के बाद चुनाव आयोग अधिकतम 21 दिन राजनीतिक दलों को प्रचार के लिए देता है। नामांकन प्रक्रिया और मतदान के संबंध में आयोग की ओर से अधिसूचना जारी की जाती है। राजनीतिक दलों के पास दो सप्ताह से ज्यादा समय नामांकन कराने के लिए रखा जाता है। इसके बाद निर्धारित चरणों में मतदान करवाया जा सकता है।