Iron Lady : आज भी इंदिरा गांधी का लोहा मानती हैं भारत की राजनीतिक पार्टियां

Samachar Jagat | Saturday, 19 Nov 2016 12:45:17 PM
Indias political parties till today acknowledges of Indira Gandhi

नई दिल्ली। इंदिरा का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था। वह वर्ष 1966 से 1977 तक देश की प्रधानमंत्री रहीं। वर्ष 1980 में फिर प्रधानमंत्री बनीं और वर्ष 1984 में हत्या होने तक वह इसी पद पर थीं। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आक्रमक और कड़े फैसले लेने के लिए जाना जाता था।

1971 में पाकिस्तान पर हमला कर बांग्लादेश को स्वतंत्र कराना हो या 1975 में इमरजेंसी जैसे फैसले हों इंदिरा कभी ऐसे फैसले लेने से नहीं चूकीं। इंदिरा को राजनीति विरासत में मिली थी उनके पिता और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का राजनीतिक जीवन देखते हुए वो बड़ी हुई थीं और उन्होंने बहुत ही कम उम्र में राजनीति की सूझबूझ समझ ली थी। यहां तक कि उन्हें 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल भी जाना पड़ा था।  इंदिरा गांधी का राजनीतिक जीवन बहुत ही उतार-चढ़ाव भरा रहा। 

इंदिरा गांधी ने फिरोज गांधी से विवाह किया था जो उनके साथ इंग्लैंड में पढ़ाई करते थे हालांकि फिरोज एक पारसी परिवार से ताल्लुक रखते थे। फिरोज से शादी पर इंदिरा के पिता नेहरू को एतराज था, लेकिन उस वक्त राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने फिरोज को दत्तक पुत्र बनाकर गांधी उपनाम दिया। तब जाकर फिरोज और इंदिरा की शादी हो सकी। फिरोज इंदिरा के दो बेटे हुए राजीव गांधी और संजय गांधी। राजीव गांधी आगे चलकर भारत के प्रधानमंत्री बने। 

हालांकि,  1942 में भारत छोड़े आंदोलन के दौरान इंदिरा और फिरोज दोनों को जेल जाना पड़ा। इसके बाद फिरोज अंडरग्राउंड हो गए और करीब एक साल तक सामने नहीं आए। जेल में कैदियों के बीच वह काफी चर्चित रहे। 1948 में फिरोज और इंदिरा तीन मूर्ति हाउस में अपने दो बच्चों के साथ शिफ्ट हो गए। दोनों की शादी में दरार भी आई और सांसद बनने के बाद फिरोज अपने लिए मिले सरकारी आवास में शिफ्ट हो गए।

कुछ ही दिनों बाद उन्होंने एक बड़ा कदम उठाते हुए संसद में एलआईसी की ओर से किए गए घोटाले का खुलासा किया, जिसके बाद तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णामाचारी को इस्तीफा देना पड़ा। वह नेहरू के पसंदीदा नेताओं में से एक थे।

इंदिरा का पाकिस्तान पर 1971 में किया गया हमला उनकी राजनीतिक जमीन को और  मजबूत कर गया और भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक घटना भी बन गई इंदिर के इस फैसले का आज भी भारत की राजनीतिक पार्टियां लोहा मानती हैं। लेकिन, 1975 में उनके द्वारा लगाई इमरजेंसी ने उनके राजनीतिक किले को ढहा दिया था। 

पीएम मोदी और सोनिया-राहुल ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी 99वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।’ कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उनके संग बिताए अपने बचपन की एक तस्वीर को ट्वीट कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 99वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए याद किया। इस दौरान सोनिया गांधी ने कहा, इंदिरा गांधी एक सशक्त महिला और नेता थीं। उनकी कहानियां बताने के लिए मुझे कई और जन्म लेने पड़ेंगे।



 

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