नई दिल्ली। इंसान का मन ही उसे खुश रख सकता है और मन ही उसे दुखी कर सकता हैं। एक कहावत है मन चंगा तो कठौती में गंगा। ये बात नए शोध में कुछ कुछ साबित हो रही है। यानि मन स्वस्थ है तो इंसान हर हाल में खुश होता है।
शोध में पता लगा है कि अवसाद और तनाव से होने वाली मानसिक बीमारी पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर से पीड़ित लोगों को समय से पहले बुढ़ापा आने का खतरा होता है।
पीटीएसडी कई मानसिक विकारों जैसे गंभीर अवसाद गुस्सा अनिद्रा खान.पान संबंधी रोगों तथा मादक द्रव्यों के सेवन से जुड़ी व्याधि है। सैन डिएगो स्थित युनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में साइकेट्री के प्रो. दिलीप वी जेस्ते के मुताबिक समय से पहले बुढ़ापा आने के संबंध में पीटीएसडी को लेकर अपने तरह का यह पहला अध्ययन है।
जेस्ते और उनके साथियों ने पीटीएसडी में समय से पूर्व बुढ़ापे पर प्रकाशित प्रासंगिक अनुभवजन्य अध्ययनों की व्यापक समीक्षा की। साइकेट्री के प्रोफेसर आैर लेखक जेम्स बी लोहर ने कहा कि निष्कर्ष में यह बात बिल्कुल जाहिर नहीं होती कि समय से पूर्व बुढ़ापे के लिए केवल पीटीएसडी ही जिम्मेदार है लेकिन ये अध्ययन एक ठोस दलील पेश करता है कि पीटीएसडी पर फिर से विचार करने की जरूरत है। क्योंकि यह मानसिक बीमारी से कुछ ज्यादा है। यह अध्ययन पत्रिका अमेरिकन जर्नल ऑफ जेरिएट्रिक साइकेट्री में प्रकाशित हुआ है।